बिहारी सतसई | Bihari Satsai PDF In Hindi
बिहारी सतसई के दोहे – Bihari Satsai Book Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश सुणय और कोमकता में एकदम विक-बी गई। लसत सेत सारी कर्वी हरल तण्यौना कान पन्थी मनी मुरसरि सलिल रवि श्रतिषिम्बु विहान ॥ ९२ ॥ अन्वयमेत सारी स्वीकार सरक तस्वीना हसत, मनी सुरसारी सकि बिहान-विन्यतिदिन पत्थी। तरल चंचल । बिहान […]