Religious

This category is a collection of books that is related to various religions like Hinduism, Islam, Buddhism, Jainism, Sikhism, Cristin, etc. These books are written in the Hindi language and it’s available for free download in PDF format.

वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस | Valmiki Ramayan Aur Ramcharitmanas PDF

वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस – Valmiki Ramayan Aur Ramcharitmanas Book/Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश उपयुक्त पक्तियो म गोम्वामी तुनसीदासजी ने काव्य-सौम्दर्म विपयक एक अत्यन्त महत्त्व पूर्ण सूत्र उपस्थित करते हुए उनके साथ काव्य-सौन्दर्य के आस्वादन पक्ष को सलग्न कर दिया है । यहां मानगकार ने बाव्पास्वादन के लिये ‘रस’ जैसे किसी […]

वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस | Valmiki Ramayan Aur Ramcharitmanas PDF Read More »

इन्द्रजाल | Indrajal Book PDF In Hindi

इन्द्रजाल पुराने छापे का – Indrajal Dehati Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश गणेशायनमःश्री गुरु गणपति सरस्वती शिवगिरिजा गुण गाज । जिनके सुमिरण कियेते सिद्धि होत सब काज ॥ धन्यवाद प्रभु और प्रभु की प्रमुताई को जिनने इस संसार में ऐसे ऐसे पदार्थ उत्पन्न किये हैं जो किसी के ध्यान और गुमान

इन्द्रजाल | Indrajal Book PDF In Hindi Read More »

कल्याण ज्योतिष अंक | Kalyan Gita Press PDF

कल्याण भक्ति अंक – Kalyan Bhakti Ank Book/Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश भावित चिलका नाम उन्हीं-उन्हीं श्च्दोंद्ारा कहा नता-है। जैसे देषकी सामग्री उपस्थित होने चिक्की तदाकारत वृत्तिका माम द्वेष होगा उसी प्रकार भगवान के दिव्य – विग्रहके दर्शनसे, उनकी लोकातीत स्त्रीलामोंके श्रवण तथा परम-प्रेमास्पद भक्त-जनाहादिनी उनकी कथा ओके कथोपकथनसे द्रवीकृत चिवचिका

कल्याण ज्योतिष अंक | Kalyan Gita Press PDF Read More »

गायत्री साधना से कुण्डलिनी जागरण | Kundalini Jagran PDF

कुण्डलिनी जागरण – Gayatri Sadhana Se Kundalini Jagran Book/Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश शरीर में दो गुजाएँ, दो पैर, दो आँखें, दो फॅफड़े, दो गुर्दे आदि है। अहा शरीर भी दो शक्ति धाराओं के सहारे यह सृष्टि प्रपंच संजोये हुए है, इन्हें उसकी दो पलियाँ, दो धाराएँ आदि किसी भी शब्द

गायत्री साधना से कुण्डलिनी जागरण | Kundalini Jagran PDF Read More »

पर्दादारी | Pardadari Book PDF

पर्दादारी – Pardadari Book PDF Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश मगर आज कोई औरत नहीं कहती की मस्जिद में जमाअत से नमाज़ पढना चाहती हैं, क्यूंकि वो तो पहले ही घर में भी नमाज़ पढना नहीं चाहती और नमाज़ में कसरत है वुजू और हाथ पैर हिलाने की और चेहरा दिखाने में हुस्न

पर्दादारी | Pardadari Book PDF Read More »

दासबोध अर्थ हिंदी | Dasbodh PDF In Hindi

समर्थ स्वामी दास बोध – Das Bodh Hindi Book Pdf Free Download पहला दशक पहला समास ग्रंथाम्भ निरूपण श्रोता पूछते हैं कि यह कौन ग्रन्थ है, इसमें क्या-क्या बातें कही गई हैं और इसे सुननेसे क्या लाभ होता है । इसका उत्तर यह है कि इसका नाम दासबोध है, इसमें गुरु और शिष्यका संवाद है

दासबोध अर्थ हिंदी | Dasbodh PDF In Hindi Read More »

हारिये न हिम्मत | Hariye Na Himmat PDF

हारिये न हिम्मत – Hariye Na Himmat Book Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश आध्यात्मिक चिंतन अनिवार्य जो लोग आध्यात्मिक चिंतन से विमुख होकर केवल लोकोपकारी कार्य में लगे रहते हैं, वे अपनी ही सफलता पर अथवा सद्गुणों पर मोहित हो जाते हैं। वे अपने आपको लोक सेवक के रूप में देखने लगते

हारिये न हिम्मत | Hariye Na Himmat PDF Read More »

मंत्र जप महिमा और अनुष्ठान | Mantra Jap Mahima PDF

मंत्र जप अनुष्ठान – Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Book Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश श्री गुरुदेव की कृपा और शिष्य की बडा, इन दो पवित्र धाराओं का संगम ही दीक्षा है गुरु का आत्मदान और शिष्य का आत्मसमर्पण, एक की कृपा व दूसरे की बदा के मेल से ही दीक्षा संपन्न

मंत्र जप महिमा और अनुष्ठान | Mantra Jap Mahima PDF Read More »

कृष्णालीला | Krishna Leela Ka Chintan PDF In Hindi

कृष्णालीला का चिन्तन – Krishna Leela Ka Chintan Book/Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश व्रजेन्द्रगेहिनी यशोदा नेत्र निमीलित किये मणिमय दीवालके सहारे चुपचाप निस्पन्द बैठी हैं श्रीरेहिणीजीकी आँखें भी बंद हैं। अन्य समस्त परिचारिकाएँ भी निद्राभिभूत होकर बाह्यज्ञानशून्य हो रही हैं इसलिये दिव्य नराकृति परब्रह्मको सूतिकागारमें पदार्पण करते तो किसीने नहीं देखा,

कृष्णालीला | Krishna Leela Ka Chintan PDF In Hindi Read More »

नैष्कर्म्य सिद्धि | Naishkarmya Siddhi PDF

नैष्कर्म्य सिद्धि हिंदी अनुवाद – Naishkarmya Siddhi Book/Pustak Pdf Free Download पुस्तक का एक मशीनी अंश अविवेकी पुरुष अविधापरवक्ष होकर दुःसके कारणमृत देहादिमें अहन्ता और ममता करता हुआ त्रिविध दुःखोंसे सन्तप्त होकर बन्म-मरण परम्परारूप संसारमें भटकता रहता है। अतः संसार महान् दुः रूप है । और वास्तव में यदि देखा बाय तो जीवको उस सच्चे

नैष्कर्म्य सिद्धि | Naishkarmya Siddhi PDF Read More »

error: Content is protected !!