हारिये न हिम्मत | Hariye Na Himmat PDF

हारिये न हिम्मत – Hariye Na Himmat Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

आध्यात्मिक चिंतन अनिवार्य जो लोग आध्यात्मिक चिंतन से विमुख होकर केवल लोकोपकारी कार्य में लगे रहते हैं, वे अपनी ही सफलता पर अथवा सद्गुणों पर मोहित हो जाते हैं। वे अपने आपको लोक सेवक के रूप में देखने लगते हैं।

ऐसी अवस्था में वे आशा करते हैं कि सब लोग उनके कार्यों की प्रशंसा करें, उनका कहा माने ।। उनका बढ़ा हुआ अभिमान उनहं अनेक लोगों का शत्रु बना देता है। इससे उनकी लोक सेवा उन्हें वास्तविक लोक सेवक न बनाकर लोक विनाश का रूप धारण कर लेती है।

आध्यात्मिक चिंतन के बिना मनुष्य में विनीत भाव नहीं आता औरन उसमें अपने आपकी सुधारने की क्षमता रह जाती है। वह भूलों पर भूल करता चला जाता है और इस प्रकार अपने जीवन को विफल बना देता है।

दिनांक २ मानवमात्रको प्रेम करो हम जिस भारतीय संस्कृति, भारतीय विचारधारा का प्रचार करना चाहते हैं, उससे आपके समस्त कष्टों का निवारण हो सकता है।

राजनीतिक शक्ति दवारा आपके अधिकारों की रक्षा हो सकती है। पर जिस स्थान से हमारे सुख-दुःख की उत्पत्ति होती है उसका नियंत्रण राजनीतिक शक्ति नहीं कर सकती।।

यह कार्य आध्यात्मिक उन्नति से ही संपन्न हो सकता है। मनुष्य को मनुष्य बनाने की मामी कशक्ति भारतीय संस्कृति में ही है। यह संस्कृति हर्म सिखाती है कि मनुष्य गनुष्य से प्रेम करने को पैदा हुआ है, साने-मरने को नहीं।

अगर हमारे सभी कार्यक्रम ठीक दंग से चलते रहे तो भारतीय संस्कृति का सूर्योदय अवश्य होगा। दिनांक अंतरात्मा का सहारा पकड़ीयदि तुम शांति .. सामर्थ्य और शक्ति चाहते हो तो अपनी अंतरात्मा का सहारा पकड़ो। तुम सारै ससार को पीधा देसकते हो किंतु अपनी आत्मा को कौन भाषा दे सका है। यदि प्रत्येक कार्य में आप

लेखक श्री राम शर्मा-Shri Ram Sharma
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 10
Pdf साइज़1 MB
Categoryप्रेरक(Inspirational)

हारिये न हिम्मत – Hariye Na Himmat Book/Pustak Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!