पद रत्नाकर | Pad Ratnakar PDF
पद का संग्रह – Pad Ratnakar Book/Pustak Pdf Free Download पद रत्नाकर साधुभाव, सोपील्य परम, चापल्य मथुर, गाम्भीर्य अपार । गीत-वाद्य-शुचि-नृत्य-कुशलता, ललित अनन्त कला-आगार । जिय-गुण-वर्णन-मुखरा अति, मन मौन, नित्य उद्दीपित भाव । स्व-सुख-कल्पनाशून्य सर्वथा, नित्य एक प्रियतम-सुख-चाव । सहज प्रेम प्रतिमा, पर निजी में नित्य प्रेमशून्यता-ज्ञान । आत्मनिवेदनमयता, पर है नहीं समर्पण-स्मृति अभिमान । […]
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