कंप्यूटर का इतिहास हिन्दी में | History of Computer In Hindi PDF

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कम्प्यूटर का इतिहास एवं विकास नोट्स – History and Development of Computers PDF Free Download

कंप्यूटर का इतिहास

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेज़ी भाषा के कम्प्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना अतः कम्प्यूटर का विकास गणितिय गणनाओं के उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया है सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार 600 ईसा पहले गिनतारे का विकास मेसोपुटामिया में हुआ.

इसी प्रकार Calculator का आविष्कार 17वीं शताब्दी के शुरुआत में डानन नेपियर ने किया था जिसका उपयोग गणितिय गणनाओं हेतु किया गया था.

इसके बाद 1671 में ब्रान गोट फ्राइड में गणना करने वाले कैलकुलेटर का आविष्कार किया. 1942 में बेब्ज पास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलिंग कहा गया यह कैलकुलेटर सिर्फ 6 व्यक्तियों के बराबर गणना कर सकता था.

1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया पास्कलिन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल एनिंजन का अविष्कार किया.

उन्होंने 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो, किन्तु हथर्न होलेरीथ ने भी पूरा किया।

पंचकार्ड की मदद से सारा कार्य खुद ही करने इलेक्ट्रोनिक टेबूलेशन मशीन का निर्माण किया गया। मतलब प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum Tube या Vacuum Valive का प्रयोग हुआ.

1948 में Valve की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा। इससे Vacuum Tube में होने वाले श्योर में पैदा होने वाली गर्मी से निजात पाया जा सका।

इसमें का खर्चीले और कम जगह घेरने वाले कंप्यूटर का निर्माण संभव हो सका ! 1958 में ट्रांजिस्टर के स्थान पर सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग कंप्यूटर के क्षेत्र में किया जाने लगा |

इसने कंप्यूटर के क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन तथा एक नयी क्रांति ला दी जिसको कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी कहा गया । सिलकोन चिप निर्मित कंप्यूटर का आकार अत्यंत छोटा होने के कारण इन्हें मिनी कंप्यूटर कहा जाने लगा. ।

Computer History by Year:

कंप्यूटर तकनिकी विकास के द्वारा जो कंप्यूटर के कार्यशैली तथा क्षमताओं में विकास हुआ इसके फलस्वरूप कंप्यूटर विभिन्न पीढ़ियाँ तथा विभिन्न प्रकार की कंप्यूटर की क्षमताओं का निर्माण का आविष्कार हुआ कार्य क्षमता के इस विकास को 1964 में कंप्यूटर जनरेशन कहा जाने लगा.

कंप्यूटर विकास की पहली पीढ़ी (First Generation History in Hindi) :

वैक्यूम ट्यूब्स (1940- 1956) :

इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई। | ये ट्यूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमें टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.

कंप्यूटर विकास की दूसरी पीढ़ी (Second Generation History in Hindi):

ट्रांजिस्टर (1956 – 1963):

मैं ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ । इस दौरान के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था जो वाल्व्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे । जिन्हें कंप्यूटर निर्माण हेतु वैक्यूम ट्यूब्स के स्थान पर उपयोग किया जाने लगा | ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम ट्यूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है। जिससे कंप्यूटर छोटे तथा उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज |

कंप्यूटर विकास की तीसरी 2 (Third Ganeratiop Computer History in Hindi):

इंटीग्रेटेड सर्किट (1964-1971) इस अवधि के कंप्यूटरों का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे.

जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका। इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.

कंप्यूटर विकास की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation Computer History in Hindi):

माइक्रोप्रोसेसर (1971-1985) चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। वी.एस. एल.आई. की प्राप्ति से एकल चिप हजारो ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे.

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भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 3
PDF साइज़1 MB
CategoryEducation
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