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लोक प्रशासन का अर्थ, प्रकृति एवं क्षेत्र – Meaning, Nature and Scope of Public Administration PDF Free Download
लोक प्रशासन नोट्स
AD-MINTSTRATION:
यह लैटिन भाषा के शब्द AD + MINISTRARE से मिलकर बना है। (लैटिन भाषा का) अंग्रेजी शब्द
→जिसमें Ministrore का अभिप्राय कार्यों को व्यवस्थित करना, देखभाल करना और सेवा प्रदान करने से है।
→ किसी सामान्य उद्देश्य को लेकर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किया गया सामूहिक प्रयास प्रशासन है।
सामूहिक प्रयास→ प्रशासन → उद्देश्य
विभिन्न व्यक्ति
→ लूथर गुलिक के अनुसार ” प्रशासन का सम्बन्ध निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु कार्यों को करवाने मे हैं”
प्रशासन की विशेषताएँ
प्रशासन एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
1Q प्रशासन के दो प्रकार है –
→लोक प्रशासन
→ निजी प्रशासन
प्रशासन में कुछ निश्चित उद्देश्यों को लेकर व्यक्तियों द्वारा विभिन्न सामूहिक प्रयास किया जाता है।
प्रशासन शब्द का प्रयोग प्राय: बड़े और विशाल संगठनों के लिए किया जाता है। 5 प्रशासन के उद्देश्य व उसमें काम करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्य में भिन्नता हो सकती है।
गेनहम के अनुसार “यदि आधुनिक मानव सभ्यता का पतन हुआ तो ऐसा मुख्यतया प्रशासन की विफलता के कारण होगा।
प्रशासन के दृष्टिकोण
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण
Planning Organizing. Staffing. Directing. Co-dination, Reporting, Budgeting [1971+ 5+Evaluation]
इस दृष्टिकोण का मानना है कि प्रशासन में POSDCERB से सम्बन्धित गतिविधियाँ संपन्न करने वाले उच्च अधिकारी प्रशासन का भाग है
अर्थात
संगठन में केवल उच्च स्तरीय निर्णय लेने वाले व उनका क्रियान्वयन करने वाले व्यक्ति ही प्रशासन का भाग है। अतः प्रबन्धकीय दृष्टिकोण को संकुचित दृष्टिकोण माना जाता है।
एकीकृत दृष्टिकोण
उस दृष्टिकोण का मानना है कि संगठन में सभी कार्य व प्रक्रिया 0 चाहे वे किसी भी स्तर के कर्मचारी द्वारा संपन्न की जाए, प्रशासन का भाग है।
अर्थात
उच्च पदाधिकारी, तकनीकी कर्मचारी, निधिकीय वर्ग व सहायक कर्मचारी भी प्रशासन का महत्वपूर्ण अंश है।
एकीकृत दृष्टिकोण को व्यापक दृष्टिकोण माना जाता है।
- लोक प्रशासन :
लोक प्रशासन प्रशासन का वह भाग है जो एक विशिष्ट राजनीतिक व्यवस्था के अन्तर्गत रहकर राजनीतिक निर्णयों को कार्यरूप में लागू करता है।
एपलबी के अनुसार नीति निर्माण ही लोक प्रशासन का सार है।”
साधारण प्रयोग में लोक प्रशासन का अर्थ राष्ट्रीय, प्रान्तीय, स्थानीय सरकारों की कार्यपालिका शाखाओं की क्रिया से है”
अल्बर्ट साइमन के अनुसार
सरकार का कार्य करना ही लोक प्रशासन है चाहे वह स्वास्थ्य प्रयोगशाला मे एक्स-रे मशीन का संचालन हो या टकसाल में सिक्के डालना हो प्रशासन प्रशासन व्यापक दृष्टिकोण है।
फिफनर के अनुसार
लोक प्रशासन
यह संकुचित दृष्टिकोण है क्योंकि यह प्रशासन का भाग है। प्रशासन एक प्रक्रिया है।
लोक प्रशासन एक तंत्र है जिसके द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी कार्य संपन्न किए जाते है। यह हिजबीं है. विषय तंत्र ( उसका सम्बन्ध विभिन्न लोगों से कार्य करवाते हैं। विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किया गया.
कॉर्पोरेट गवर्नेस
कॉर्पोरेट गवर्नेस का सम्बन्ध कॉर्पोरेट क्षेत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता व जबाबदेहिता को प्रोत्साहित करने से है।
वस्तुत: कॉर्पोरेट अभिशासन उन सिद्धान्तों, जादर्शों व मूल्यों का योग है जो किसी कॉर्पोरेट को नैतिक व पारदर्शी व्यवहार के लिए प्रेरित करते हैं ताकि साभार्जन की प्रक्रिया में शेयरधारकों व पणधारकों (stakholdcon) के हितों
की उपेक्षा न हो। कुमारमंगलम्) भकार K.M. बिड़ला के अनुसार [1933] कॉर्पोरेट गवर्नेस शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करता है व अन्य भागीदारों के हितों की सुरक्षा करता है।
कॉर्पोरेट गवर्नेस की विशेषताएँ उसका मुख्य लक्ष्य कॉर्पोरेट जगत में मूल्यों व नैतिकता का समावेश करना है।
यह अवधारणा कॉर्पोरेट क्षेत्र में जवाबदेहिता, पारदर्शिता, निष्पक्षता का समर्थन करती है।
यद्यपि कॉर्पोरेट गवर्नेस को निजी क्षेत्र की अवधारणा के रूप में देखा ? जाता है, परन्तु यह निजी व सरकारी दोनों उपक्रमों पर लागू होती है।
रंग अवधारणा का मानना है कि किसी भी उद्योग की जिम्मेदारी उत्पादन से ही खत्म नहीं होती है। इसके अलावा इस उपक्रम को अनेक महत्वपूर्ण कार्य करने होते है जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य शेयरधारकों के हितो की रक्षा करना है।पर्यावरण के प्रति कितना सजग है।
व्यवहारवादी उपागम
जहाँ मानव सम्बन्ध उपागम संगठन में कार्यरत व्यक्तियों के पारम्परिक “सम्बन्धों का अध्ययन करता है वहीं व्यवहारवादी उपागम के मुख्य बिन्दु0 संगठन में कार्यरत व्यक्ति के आन्तरिक मूल्य, व्यवहार व विचारशीलता हैं।
व्यवहारवादी आन्दोलन का जनक = डेविड ईस्टन लोक प्रशासन में इसका विकास अल्बर्ट साइमन व चेस्टर बनाई ने
किया। व्यवहारवादी उपागम के प्रारम्भिक दर्शन चेस्टर बर्नार्ड के पुस्तक ‘The punctim of executive में प्राप्त होते है [ 1938]
व्यवहारवादी उपागम व साइमन साइमन द्वारा 1945-46 में Administrative Behaviour नामक पुस्तक में लोक प्रशासन को वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान करने पर जल दिया वहीं उनका मानना था कि लोक प्रशासन में व्यवहारिक स्वर पर कोई सिद्धान्त नहीं है। क्योंकि जैसे सिद्धान्त बने हुए हैं यथार्थ में ऐसा देखने को नहीं मिलता है।
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 260 |
PDF साइज़ | 7.5 MB |
Category | Education |
Source/Credits | Google.Drive.Com |
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