धर्म की परिभाषा और महत्व – Importance Of Religion And Its Explanation PDF Free Download

धर्म की परिभाषा
अर्थात् श्रीशंकराचार्य साक्षात् शंकर थे । श्रीराम- नुजाचार्य शेषके अपवार थे। पितामह ब्राने मनाचार्य के रूपमें अवतार अहण किया था।पद्धति कोई भी क्यों न हो, अभीष्ट है
धर्मके अन्तर्गत आनेवाले समप्रदाबौका सामझस्त्र | सङ्गोपन्न येदके गुरुपरम्परागत उपदेशसे सम्बन्ध होने के कारण यह सामलस्य स्वस सिद्ध है वास्तव में लोकते परलोकतक,
व्यवहारसे परमार्थतका व्यक्तिले समाजक्षक ऐसा कोई लक्ष्य या उद्देश नहीं जो पुरुपार्य-चतुष्टयके अन्तर्गत न आत्म हो । हमारे धर्म शास्त्रकारोंने धर्म, अर्थ, काम और मोत्रके रूपमें पुरुषार्थ
चतुष्टयको मानव जीवनका लक्ष्य निर्धारित किया । अर्थ और कामको धर्म नियन्त्रितकर उन्होंने मानवके लिये धर्ममय जीवनका विधान किया । प्रवृत्तिले निष्त्तिको और इस आधारपर
उन्होंने जीवनक्की व्याख्या की और मानवको परम पुरुषार्थकी ओर अभिमुख होनेकी प्रेरणा दी । जीवनके प्रत्येक क्षेत्रमें साव्य-धर्मका अनुष्ठान और सिद-धर्मका चिन्तन करता हुआ
साधक अपने धर्मभूत शानको पूर्णरूपसे विकसितकर अपने स्वरूपगत धर्मे का अनुभव करने में समर्थ होता है ।जाननेको इच्छा मानन्दकी नाकाला और अमरत्व की कामनाको लेकर आरम्म हुई ।
जीवनयानामें धर्मभूत शान व्यक्तिको सर्वाधार, सर्वनियन्ता: सर्वरोणी, सर्वात्मा भगवान्की और अभिमुख करता है । धूति (धैर्य) अर्थात् संतोष, क्षमा अर्थात् सामर्थ्य रहते हुए
अपकारीका अपकार न करना, दस अर्थात् विषयोंका संसर्ग होनेपर मी मनको निर्विकार रखना, अस्तेय अर्थात् काय, वचन और मनसे पर्व्यको न चुराना शौच अर्थात् शास्त्रानुसार
मिट्टी-जल आदिके द्वारा देहशुद्धि, इन्द्रिय-निग्रह अर्थात् यथेच्छ विषयभोगसे हटाकर अलौकिक विषयकी प्राप्तिके डिये शालू-वभ्मत मार्गते इच्द्रियोको ले चना,
धी अर्थात् आत्मविषयिणी तुद्धि- मैं शरीर नहीं, आत्मा हूँ इस प्रकारकी बुद्धि विद्या अर्थात् आत्मज्ञान जिससे हो उस ब्रह्ाविद्याका अनुशीलन, सत्य अर्यात् यथार्थ कथन और प्राणियोंका हित-साधन:
अक्रोध अर्थात् क्रोधका कारण उपस्थित होनेपर भी कुछ न होना- इस दुख का नाम धर्म है । इनमें जो सम्यक प्रतिष्ठित है, वही धार्मिक है । उसीको परम गतिकी प्रापति होती है ।
लेखक | हनुमान प्रसाद-Hanuman Prasad Gita Press |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 366 |
Pdf साइज़ | 9.3 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
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