इंद्रधनुष मछली | Indradhanush Machhali Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
बहुत दूर गहरे नीले सागर में एक मछली रहती थी. वह कोई साधारण मछली न थी. समूचे महासागर में वह सबसे सुंदर मछली थी.
उसके शल्क अलग-अलग प्रकार के नीले और हरे और बैंगनी रंग के थे और उनमें कुछ शल्क तो चाँदी समान उज्ज्वल थे. उसकी सुंदरता देखकर अन्य मछलियाँ आश्चर्यचकित हो जाती थीं.
वह उसे इंद्रधनुष मछली के नाम से बुलाती थीं. “आओ, इंद्रधनुष मछली,” वह पुकारती, “आओ और हमारे साथ खेलो! लेकिन अपने झिलमिलाते शल्कों का प्रदर्शन करते हुए
इंद्रधनुष मछली बड़े गर्व से उनके निकट से निकल जाती और उनसे बात भी न करती. एक दिन एक नन्हीं नीली मछली उसके पीछे-पीछे आई.
“इंद्रधनुष मछली, नन्हीं मछली ने कहा, “मेरी प्रतीक्षा करो! अपना एक सुंदर, चमकीला शल्क मुझे दे दो. तुम्हारे शल्क इतने अद्भुत हैं और तुम्हारे पास तो यह बहुत सारे हैं.”
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 15 |
PDF साइज़ | 1.1 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
इंद्रधनुष मछली | Indradhanush Machhali Book/Pustak PDF Free Download