चूहे का विवाह एक प्राचीन लोककथा | Chuhe Ka Vivah Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
एक बार एक चूहा था जो एक पत्नी पाना चाहता था. लेकिन उसे कोई साधारण पत्नी न चाहिए थी. “अगर मैं संसार के सबसे शक्तिशाली प्राणी की बेटी से विवाह नहीं कर सकता, उसने अपने आप से कहा.
“तो मैं किसी के साथ विवाह नहीं करूँगा.” बस, संसार के सबसे शक्तिशाली प्राणी की खोज में चूहा घर से निकल पड़ा वह सूरज के पास गया. “आखिर,” चूहे ने सोचा, “सूरज से अधिक शक्तिशाली कौन होगा?”
जब चूहा सूरज के पास पहुँचा तो उसने कहा, “आप संसार में सबसे शक्तिशाली हैं. इसलिए मैं आपकी बेटी के साथ विवाह करना चाहता हूँ. अगर मैं आपकी बेटी के साथ विवाह नहीं कर सकता तो मैं किसी के साथ भी विवाह नहीं करूँगा.”
“मैं संसार में सबसे शक्तिशाली नहीं हूँ,” सूरज ने कहा, “मेरे से अधिक शक्तिशाली भी कोई है वह है बादल.” “बादल!” चूहा बोला. “हाँ,” सूरज ने कहा.
“जब बादल मेरे सामने आ जाते हैं। तो मैं धरती को प्रकाशित नहीं कर पाता.” “फिर मैं बादल के पास जाऊँगा,” चूहे ने कहा. “अपनी बेटी आप अपने पास रखें!”
जब चूहा बादल के पास पहुँचा तो उसने कहा, “आप संसार में सबसे शक्तिशाली हैं. इसलिए मैं आपकी बेटी के साथ विवाह करना चाहता हूँ.
अगर मैं आपकी बेटी के साथ विवाह नहीं कर सकता तो मैं किसी के साथ भी विवाह नहीं करूंगा.” “मैं संसार में सबसे शक्तिशाली नहीं हूँ,” बादल ने कहा. “मेरे से अधिक शक्तिशाली भी कोई है वह है पवन.”
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 15 |
PDF साइज़ | 1.2 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
चूहे का विवाह | Chuhe Ka Vivah Book/Pustak PDF Free Download