तीन बड़े बेवकूफ | Teen Bade Bevkuf Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
एक ज़माने में एक किसान और उसकी पत्नी अपनी एक बेटी के साथ रहते थे. बेटी एक युवक से प्यार करती थी. हर दिन वो युवक अपनी प्रेमिका से मिलने आता था और रात का खाना उन्हीं के घर खाता था.
एक शाम बेटी बीयर लेने के लिए तहखाने में गई. शाम को जब वो बीयर लेने के लिए नीचे गई, तो उसने छत की तरफ देखा. वहां उसे बल्ली से एक कुल्हाड़ी लटकी हुए दिखाई दी.
कुल्हाड़ी वहां एक लंबे समय से लटकी होगी, लेकिन किसी का उसपर ध्यान नहीं गया था. पर कुल्हाड़ी देखकर लड़की सोचने को मजबूर हुई.
उसे कुल्हाड़ी का वहाँ होना बहुत खतरनाक लगा. उसने खुद से कहा, “मान लो उस युवक से मेरी शादी के बाद हमारा एक बेटा होता है. फिर वो लड़का बड़ा होने के बाद कभी तहखाने में बियर निकालने आता है.
अगर तब कुल्हाड़ी उसके सिर पर गिरी तो यह कितनी भयानक बात होगी!” उसके बाद लड़की ने मोमबत्ती और जग को नीचे रख दिया. फिर वो वहां बैठ गई और रोने लगी. ड्रम से बियर ज़मीन पर बहने लगी.
-लेखक | |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 15 |
PDF साइज़ | 1.3 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
तीन बड़े बेवकूफ | Teen Bade Bevkuf Book/Pustak PDF Free Download