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तीन बड़े बेवकूफ – Teen Bade Bevkuf PDF Free Download

तीन बड़े बेवकूफ
एक ज़माने में एक किसान और उसकी पत्नी अपनी एक बेटी के साथ रहते थे. बेटी एक युवक से प्यार करती थी. हर दिन वो युवक अपनी प्रेमिका से मिलने आता था और रात का खाना उन्हीं के घर खाता था.
एक शाम बेटी बीयर लेने के लिए तहखाने में गई. शाम को जब वो बीयर लेने के लिए नीचे गई, तो उसने छत की तरफ देखा. वहां उसे बल्ली से एक कुल्हाड़ी लटकी हुए दिखाई दी.
कुल्हाड़ी वहां एक लंबे समय से लटकी होगी, लेकिन किसी का उसपर ध्यान नहीं गया था. पर कुल्हाड़ी देखकर लड़की सोचने को मजबूर हुई.
उसे कुल्हाड़ी का वहाँ होना बहुत खतरनाक लगा. उसने खुद से कहा, “मान लो उस युवक से मेरी शादी के बाद हमारा एक बेटा होता है. फिर वो लड़का बड़ा होने के बाद कभी तहखाने में बियर निकालने आता है.
अगर तब कुल्हाड़ी उसके सिर पर गिरी तो यह कितनी भयानक बात होगी!” उसके बाद लड़की ने मोमबत्ती और जग को नीचे रख दिया. फिर वो वहां बैठ गई और रोने लगी. ड्रम से बियर ज़मीन पर बहने लगी.
ऊपर लोग आश्चर्यचकित थे कि उसे नीचे से बियर लाने में इतनी देर क्यों लगी . इसलिए माँ लड़की को देखने के लिए नीचे गई . माँ ने लड़की को फर्श पर बैठे और रोते हुए पाया. ड्रम से बियर ज़मीन पर बह रही थी .
” क्यों, क्या बात है? ” माँ ने पूछा. ” ओह ! माँ !” लड़की ने कहा. “ज़रा उस डरावनी कुल्हाड़ी को देखो ! मान लो मेरी शादी के बाद मेरा एक बेटा हो और वो बड़ा होकर यहाँ बीयर लेने के लिए तहखाने में आए, और कुल्हाड़ी उसके सिर पर गिरी तो इससे भयानक बात और क्या होगी ? ” “प्रिय, प्रिय! यह तो बड़ी भयानक बात होगी!” माँ ने कहा, और वो भी अपनी बेटी के पास बैठकर रोने लगी .
फिर, थोड़े समय के बाद , पिता भी इतनी देरी को लेकर आश्चर्य करने लगे . वो अपनी पत्नी और बेटी को देखने के लिए तहखाने में गए. वहाँ उन्होंने दोनों को रोते हए पाया.
साथ में बीयर भी पूरे फर्श पर फैली थी . ” क्या बात है? ” उन्होंने पूछा. ” क्यों ,” माँ ने कहा, “ज़रा उस डरावनी कुल्हाड़ी को देखो ! मान लो, अगर हमारी बेटी और उसके प्रेमी की शादी होती है और उनका एक बेटा होता है,और वो बड़ा होकर एक दिन बीयर लेने तहखाने में आता है, और कुल्हाड़ी उसके सिर पर गिरती है, इससे भयावह बात और क्या होगी? ” “प्रिय , प्रिय , प्रिय! तब तो बड़ा अनर्थहोगा! ” पिता ने कहा . फिर वो भी उनके पास बैठ गए और रोने लगे .
काफी देर बाद युवक रसोई में इंतजार करते – करते थक बिल्कुल थक गया और अंत में वो भी तहखाने में देखने गया . वहाँ उसने तीनों को रोते हुए पाया. साथ में पूरे फर्श पर बीयर फैली थी .
उसने दौड़कर बियर के ड्रम के नल को बंद किया. फिर उसने पूछा, ” आप तीनों क्यों रो रहे हैं , और बीयर को पूरे फर्श पर फैलने दे रहे हैं ? ” ” ओह !” पिता ने कहा, ” ज़रा उस डरावनी कुल्हाड़ी को देखो! मान लो कि तुम और हमारी बेटी की शादी होती है और फिर एक बेटा होता है और वो बड़ा होकर बीयर लेने के लिए तहखाने में आता और कुल्हाड़ी उसके सिर पर गिर पड़ती है !” उसके बाद फिर से तीनों अपना गला फाड़- फाड़कर रोने लगे .
-लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 15 |
PDF साइज़ | 1.3 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
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