एक आलू दो आलू | Ek Aloo Do Aloo Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
मिस्टर और मिसेज़ रोडी गरीब हैं, उन्हें सब कुछ एक दूसरे के साथ बांटना पड़ता है एक आलू, एक कुर्सी, एक छेदों से भरा कम्बल, और एक पुराना कोट जिसे वे पहनते हैं.
उनके पास सिर्फ एक ही मोमबत्ती है और मुसीबत के समय के लिए उनके गद्दे के नीचे एक सोने का सिक्का छिपा रखा है. फिर भी उन दोनों को लंबे समय से एक दोस्त की तलब है…
फिर एक दिन आखिरी आलू खोदते समय, श्री ग्रेडी को एक बड़ी काली वस्तु दिखाई दी. वो एक बहुत बड़ा पतीला था वो कोई सामान्य बर्तन नहीं था, जो कुछ भी उसमें जाता था वह दोगुना हो जाता था. अब वो उसके साथ क्या करेंगे?
बड़े हो गए थे और अपनी-अपनी किस्मत आजमाने लिए दुनिया के अलग-अलग कोनों मे चले गए थे. मिस्टर और मिसेज ग्रेडी अपनी कुटिया में पीछे रह गए थे, उनके पास बहुत कम चीजें थी और वो आपस में सब कुछ साझा करते थे.
मिस्टर और मिसेज रोड़ी इतने गरीब थे कि वे हर दिन अपने छोटे से बागीचे से एक आलू खोदकर खाते थे. वही उनका नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना होता था. फिर भी वे खुद को भाग्यशाली मानते थे.
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 18 |
PDF साइज़ | 1.7 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |