तात्कालिक चिकित्सा | Tatkalik Chikitsa Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
घायलों और मरीजों को स्थानातर करना
घायलों और मरीजों को किसी स्थान से दूसरे सुरक्षित एवं उपयुक्त स्थान में ले जानेवालों को यह ध्यान रखना आव श्यक है कि वे उन्हें इस प्रकार सावधानी और सहूलियत से जायँ कि घायन या मरीज़ के शरीर किसी न होने पाने ।
घायल को यदि कोई ऐसी ही टूट गई हो कि उसे ले जाने में किसी विशेष क्षति के हो जाने की संभा बना हो, तो डॉक्टर को वहीं बुला भेजना चाहिए।
इस बीच में उसे वहीं रखकर यथासाध्य श्राराम पहुँचाना तात्कालिक चिकित्सकों का कर्तव्य है। यदि किसी आदमी के पैर में मांच आ गई हो,
या पैर कुचल गया हो, तो उसे एक स्थान से दूसरे स्थान को ले जाने का सरल उपाय यह है कि उसके घायल पैर की ओर खड़ा हो जाय, और उसके उसी ओर की भुजा को अपनी गर्दन पर से घुमाकर,
अपने दूसरी ओर के हाथ से पकड़ ले, और उसकी तरफनाले हाथ से उसकी कमर को सहारा देते हुए धीरे-धीरे चले। घायल प्राणी को चाहिए कि अपने घायल पैर को ज़मीन से उठाए हुए,
ले जानेवाले की सहायता के यला उसी के साथ-साथ, एक पैर उठाकर चले । जब कमी किसी बेहोश भायो को अकेले उडाकर ले जाना हो, तो दिए हुए विश्र की भाँति उठाये ।
यद्द ढंग प्रायः उन लोगों को काम में लाना पड़ता है, जो किसी आग लगे हुए मकान से प्राधिक बाहर निकालते है। इसमें दाना हाय स्वतंत्र रहता है, जिससे धुए रह में रास्ता और पर बाज़ा टटोलने में बड़ी सहायता मिलती है।
लेखक | दुलारे लाल भार्गव-Dulare Lal Bhargava |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 160 |
Pdf साइज़ | 3.6 MB |
Category | आयुर्वेदिक(Ayurveda) |
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