कालिया नाग पर कृपा | Kaliya Naag Par Kripa PDF In Hindi

‘कालिया नाग पर कृपा’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Kaliya Naag Par Kripa’ using the download button.

कालिया नाग पर कृपा | Kaliya Naag Par Kripa PDF Free Download

कालीय हृदमें भगवान्का प्रवेश

शुकदेवजीने यह लीला-कथा कहना शुरू किया। शुकदेवजीने कहा वृन्दावनमें जो यमुनाजी बहती हैं उनके दक्षिण भागमें एक जलसे भरा हुआ हृद था – सरोवर कुण्ड था।

उसमें यह विषधर सर्पराज निवास करता था। और, शायद वह जल-सतम्भनकी विद्या जानता होगा। उसने वहाँकी जलराशिको स्तब्ध करके, जलको रोककर वहाँ नीचे गर्तमें अपना स्थान बना लिया।

अपनी स्त्रियोंके साथ, सन्तानोंके साथ वह वहाँ रहता था। और, ऐसा मालूम पड़ता है कि बड़े विस्तृत क्षेत्रमें अपना प्रभाव कर लिया। परन्तु उसका विष इतना तीव्र था, विष इतना भयानक था कि वहाँ जल हमेशा उबलता रहता था ।

जैसे प्रबल अग्निपर रखे बर्तनमें पानी खौलता रहता है, उबलता रहता है इसी प्रकार उसके विषकी आगसे, कालीयके विषकी अग्निसे उस हदका जल खौलता रहता था,

उबलता रहता था, बुदबुदाता रहता और आन्दोलित होता रहता था। उस विषकी आगसे उसमें चक्करसे पड़ते रहते। और वह विष इतना प्रबल था कि वहाँ जलके अन्दर किसी जीव-जन्तुका रहना कठिन हो गया।

जलके अन्दर ही नहीं उसके विषकी आग इतनी भयानक थी कि वह उस हृदमेंसे निकलकर वायुके साथ मिल जाती और उस हृदके ऊपरसे उड़नेवाले पक्षियोंको विदग्ध कर देती।

ऊपरसे जानेवाले पक्षी उस हृदकी ज्वालासे जलकर उसमें गिर पड़ते। इतना भयानक उसका विष था। इसलिये मथुरावासियोंने वहाँ आना छोड़ दिया। वृन्दावनके लोगोंने देखा कि वहाँ जाना तो मौतके मुँहमें जाना है।

भगवान्ने सोचा कि यमुनाका जल विषमय क्यों रहे? यह ठीक नहीं है। यमुनाका नाम यहाँ आया है- कृष्णा अर्थात् कालिन्दी- भगवान्की प्रेयसी पत्नी यमुनाका जल दूषित रहे यह भगवान्‌को अभिप्रेत नहीं।

लेकिन वह जल इतना विषमय हो गया था कि जो आसपासके पेड़ थे वे सब जल गये थे। किसी पेड़में पत्ता तो हरा था ही नहीं उसके तने सब सूखे, जले खड़े थे।

लेखक हनुमान प्रसाद-Hanuman Prasad
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 143
Pdf साइज़337.9 KB
Categoryकाव्य(Poetry)

Related PDFs

श्रीमद देवी भागवत पुराण PDF In Hindi

Jagran Ke Geet PDF In Hindi

श्री दुर्गासप्तशती पाठ PDF In Hindi

कालिया नाग पर कृपा | Kaliya Naag Par Kripa PDF Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!