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भारतीय नदियों और सहायक नदी का मानचित्र PDF Free Download

भारत की प्रमुख नदिया औ उसकी सहायक नदी
River Name | Length (km) | Originates From | Ends in | Places Benefited |
---|---|---|---|---|
दामोदर नदी | 592 km | छोटा नागपुर का पठार | बंगाल की खाड़ी | झारखंड , रांची, पश्चिम बंगाल |
स्वर्णरेखा नदी | 474 km | रांची | बंगाल की खाड़ी | झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल |
वैतरणी नदी | 360 km | क्योझर पठार (उड़ीसा) | बंगाल की खाड़ी | ओडिशा |
ब्राह्मणी नदी | 799 km | रांची | बंगाल की खाड़ी | ओडिशा |
महानदी | 900 km | दण्डकरण्ये पठार(छत्तीसगढ़) | बंगाल की खाड़ी | छत्तीसगढ़, ओडिशा |
गोदावरी नदी | 1465 km | नासिककेत्रयम्बक(महाराष्ट्र) | बंगाल की खाड़ी | महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध-प्रदेश |
कृष्णा नदी | 1400 km | महाबलेश्वर चोटी(महाराष्ट्र) | बंगाल की खाड़ी | महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध-प्रदेश |
पेनार नदी | 597 km | कोलार(कर्नाटक) | बंगाल की खाड़ी | तेलंगाना, आंध-प्रदेश |
कावेरी नदी | 805 km | पुष्पगिरी (ब्रह्मगिरिपहाड़ी) | बंगाल की खाड़ी | कर्नाटक, तमिलनाडु |
वैगई नदी | 258 km | वरूषनादु पहाड़ी | बंगाल की खाड़ी | तमिलनाडु |
ताम्रपर्णी नदी | 128 km | अगस्त्यमलाई चोटी | मन्नार की खाड़ी | तमिलनाडु |
River Name | Length (km) | Originates From | Ends in | Places Benefited |
---|---|---|---|---|
साबरमती | 371 km | उदयपुर | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | राजस्थान, गुजरात |
माही | 583 km | मध्य प्रदेश | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात |
नर्मदा | 1312 km | अमरकंटक ( मध्य प्रदेश ) | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात |
शरावती | 128 km | कर्नाटक | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | कर्नाटक |
तापी | 700 km | मध्य प्रदेश | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात |
पेरियार | 244 km | तमिलनाडु | अरब सागर की खम्भात की खाड़ी | तमिलनाडु, केरल |
भारत की नदियों की सूची
1. गंगा नदी – भारत देश की सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध पौराणिक नदी है, जिसे हिंदू और कई अन्य धर्मों द्वारा देवी के रूप में दर्शाया गया है। इस नदी की औसत लंबाई लगभग 2525 किमी है।
2. सरस्वती नदी – यह सरस्वती एक अति प्राचीन नदी है, जिसकी चर्चा पौराणिक इंदु ग्रंथों में भी की गई है। यह एक बहुत बड़ी नदी थी, जो बड़े-बड़े पहाड़ों से होकर टूटती थी, और मैदानों से गुजरते हुए अरब सागर में मिल जाती थी।
3. यमुना नदी – इस यमुना को गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी के रूप में जाना जाता है, जो आम तौर पर यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है और प्रयागराज में गंगा नफी के साथ मिलती है।
4. लकनंदा नदी – यह गंगा नदी के चार रूपों में से एक है, जिसे केदारनाथ में अलकनंदा नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी घाटी में लगभग 195 किलोमीटर की दूरी तक बहती है।
5. बेतवा नदी – यह नदी भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बहती है, जो हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती है।
6. भागीरथी नदी – यह भागीरथी नदी उत्तराखंड राज्य में बहती है, जो देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिल जाती है और गंगा नदी बनाती है।
7. काली नदी – इस काली नदी को महाकाली, कालीगंगा और शारदा के नाम से भी जाना जाता है, जिसका उद्गम उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले से हुआ है।
8. ब्रह्मपुत्र नदी – यह ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से होकर भारत के अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश से बहने वाली एक नदी है, जिसकी औसत लंबाई लगभग 2900 किमी है।
नदी के महत्व
भारत में और भारत के ऐतिहासिक कहानियों में गंगा नदी का नाम सर्वोपरि है और भारत में इसके साथ-साथ बहुत सी नदियां भी हैं, जिनका खुद का कुछ ना कुछ महत्व जरूर है।
दोस्तों शुरुआती समय में भारत के सभी लोग अपने जीवन को पवित्र करने के लिए नदियों में स्नान करते हैं। नदियों को बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली और महत्वपूर्ण माना जाता है।
नदियों के किनारे ही भारत में बहुत से तीर्थ स्थल भी बनाए गए हैं और इसमें से सबसे ज्यादा तीर्थ स्थल माता गंगा के नदी के किनारे बनाए गए हैं।
नदियां हमारे देश में आर्थिक वैज्ञानिक सामाजिक और अन्य कई रूपों में काफी ज्यादा सहायक सिद्ध हुई है और नदियां हमें जल्द प्रदान करने के साथ-साथ शुद्ध वातावरण भी प्रदान करती हैं और इतना ही नहीं इसके साथ साथ नदियों से ज्यादा से ज्यादा किसान अपने खेतों की सिंचाई भी करते हैं।
नदियां लोगों को रोजगार भी प्रदान करती हैं जैसे कि मछली पालन का रोजगार और नौका विहार का रोजगार इत्यादि। वर्तमान समय में नदियां काफी ज्यादा दूषित हो रही थी, इसीलिए भारत सरकार के द्वारा नदियों को शुद्ध कराने के लिए बहुत से आंदोलन और योजनाएं भी चलाई गई हैं।
दोस्तों भारत में नदियों को देवी रूप माना जाता है और इसी कारण से इन्हें माता कह कर पूजा भी जाता है। भारत में नदियों का महत्व बहुत ही बड़ा है और सबसे बड़ा महत्व धार्मिक इतिहास को रोमांचक बनाने में रहा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारत को एक तरह से नदियों का देश नाम से भी पुकारा जाता है।
भारत की हमेशा से यही मान्यता रही है,कि पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और वे लोग अपने जीवन की नई शुरुआत भी कर सकते हैं।
भारत में पुराने समय के बहुत से विषयों ने इन्हीं पवित्र नदियों के किनारे पर बैठकर अपने ज्ञान की प्राप्ति की और लोगों को ज्ञान की प्राप्ति भी करवाई।
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी, |
कुल पृष्ठ | 7 |
PDF साइज़ | 0.3 MB |
Category | Geography |
Source/Credits | drive.google.com |
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