भृगु संहिता पद्धति – Bhrigu Samhita Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
मेषलग्नान्तर सूर्यफलम्
जिस व्यक्ति को मेप का सूर्य लग्न के पहिले स्थान में नं० १ हो तो वह मनुष्य महान् विद्वत्ता रखने वाली और विद्या की आदर्श शक्ति पाने वाला तथा
आत्मज्ञान की महानता पाने वाला और लम्बा कद पाने वाला संतान शक्ति की महानना पाने वाला बड़ा भारी मान पाने वाला तथा बड़ा भारी प्रभाव रखने वाला और
दिमाग व देह के अंदर बड़ी तेजी रखने वाला तथा स्त्री स्थान में कुछ कमी पाने वाला तथा स्त्री को कुछ मामूली चीज समझने वाला तथा
इन्द्रिय भोगादिक में कुछ कमी व कुछ छिपाव शक्ति पाने वाला और रोजगार की परवाह न करने वाला एवं दैनिक रोज गार को कुछ मामूली चीज समझने वाला होता है।
जिस व्यक्ति का वृष का सूर्य लग्न से दूसरे स्थान में न० २ हो तो वह मनुष्य विद्या का संग्रह करने में कुछ किर्ते महसूस करने वाला और
बुद्धि व दिमाग के अंदर कुछ परे शानी पाने वाला तथा कुछ विद्या के वंधनयुक्त कर्म से धन प्राप्त करनेवाला और सतान पक्ष में कुछ कमी या
रुका वट का योग पान वाला तथा संतान पक्ष के संबंध में कुछ बंधन के कारण से कुछ फिकर का योग पाने वाला और धन के स्थान में धन की कुछ कमजोरी तथा
विद्या का प्रकाश रूपी धन प्राप्त करने वाला और अपने से छोटे व्यक्तियों का कुछ कुटुम्ब पाने वाला जीवन की दिनचर्या में व पुरातत्त्व के संबंध में आनन्द अनुभव करने वाला होता है।
जिस व्यक्ति का मिथुन का सूर्य लग्न से तीसरे स्थान में हो तो वह मनुष्य बुद्धि बल की शक्ति के द्वारा बड़ा प्रताप पाने वाला तथा विद्या ग्रहण करने वाला संतान की बड़ी शक्ति पाने वाला और
वाणी की शक्ति का बड़ा प्रभाव रखने वाला भुजाओं का बल रखने वाला और दिमाग को ताकतसे उन्नति के मार्ग में बड़ी दौड़धूप करके उन्नति को प्राप्त करने वाला तथा भाई की शक्तिपाने वाला और
भाग्य की उन्नति करने वाला तथा धर्मको मानने वाला और ईश्वर में विश्वास रखने वाला तथा महान हिम्मत वाला तथा बोल चाल के अंदर वीरत्व रखने वाला होता है ।
लेखक | भृगु ऋषि- Bhrigu Rishi |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 714 |
PDF साइज़ | 34 MB |
Category | ज्योतिष(Astrology) |
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ॐ
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