अघोरी तंत्र – Aghori Tantra Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
अघोरीतन्त्र, मंत्र विद्या
हिन्दुस्थानमें ऐंसी २ विद्या भरी पड़ी हैं कि जिनको देखकर अंग्रेजही क्या बल्कि सारे संसारके लोग ताज्जुबमें आजाते हैं।
उन विद्याओंमेंसे यहां पर मंत्रविद्याका जिकर किया जाता है। इस विद्याकी आजमायश हमने कई बार की है। अनेक मंत्र तन्त्रके वसीलेसे बहुतेरे अजायब काम।
होते देखे हैं। मंत्रके जरियेसे चोर पकडे गये हैं। मंत्र पढी हुई कुछ शै खानेसे चोरके बदनसे लहू बहा है। मंत्र पढे हुए लकडीके टुकडेने बराबर एक साथ उछलकर चोर पकड़ा है।
पानी, चावल, राख यह तीनों मंत्र पढे जाकर हरेक कामपर अपना जोर दिखाते हैं। हमने यहांतक देखा कि मंत्रके पढतेही सांपका जहर उतर गया।
बस मंत्र विद्याको झूठा साबित करनेकी हिम्मत कोई भी नहीं कर सकता है। जिसके काम रोजमर्रा हम ऊपने आसपास देखते हैं, उसको किस तौरसे झूठा कहें ?
इस विद्याकी अन्दरूनी बातोंको न जानकर, इसके सबब और इसके वसीलेकी वाकिफ कारी न होनेपर क्या कोई इस विद्याको झूठ कहने की हिम्मत कर सकता है ? कभी नहीं।
सच या झूठका साबित होना इम्तहान करनेपर मुनहसिर है। अगरचे पहले जमानेके मुआ फिक आजकल इस इल्मका फैलाव बहुत कम है, परंतु तो भीबहुत थोडा नहीं है।
पहले यह इल्म छिपा था, अब छिपाया नहीं छिपता। जब किताबों में इस इल्मका छपना शुरू हो गया तब तो हमारा यही ख्याल है कि शायद यह इल्म अब तरक्की पकड जाय।
हम अपने नाजरीनोंसे उम्मेद करते हैं कि आपलोग जरूरही इसका इम्तहान करें। पेश्तर इस इल्मको बडीही खबरदारीके साथ छिपाकर रखते, यहां तक कि कोई किसी पर इसका भेद जाहिर न करता था,
बाप बेटेको नहीं बतलाता और गुरु अपने प्यारसे प्यारे चेलेको भी नहीं सिखलाता था। ऐसी हालतमें जहां तक हमको इस इल्मका हाल मालूम हुआ है वह सबही इस किताबमें लिखे देता हूं.
लेखक | गौरीशंकरजी शर्मा-Gouvrishankarji Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 84 |
PDF साइज़ | 26.5 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
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