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विशुद्ध मनुस्मृति – Vishudh Manusmriti PDF Free Download
विशुद्ध मनुस्मृति पुस्तक के बारेमें
मनुस्मृति, इस्ट का एक गौरवपूर्ण और अनुपम प्रकाशन हे ट्रस्ट ने मनुस्मृति के प्रक्षेपों के अनुसंधान का जो प्रामाणिक कार्य जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया है, ऐसा आज तक किसी ने नहीं किया था।
ट्रस्ट की ओर से मौलिक और प्रक्षिप्त श्लोकों के अनुसंधान और विवेचन से युक्त सम्पूर्णमनुस्मृति का संस्करण जब पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो उस कार्य से संतुष्ट हुए
पाठकों ने यह मांग रखी कि जब आपने मनुस्मृति के मौलिक और प्रक्षिप्त श्लोकों का निर्धारण कर लिया है तो क्यों न केवल मौलिक श्लोकों से युक्त एक पृथक् संस्करण ‘विशुद्ध मनुस्मृति’ के रूप में प्रकाशित कर दिया जाये,
जिससे मनुस्मृति का स्वाध्याय करने के इच्छुक और घर्मजिज्ञासु व्यक्ति तथा छात्र, प्रान्ति, पक्षपात, दुराग्रह-पूर्ण श्लोकों के मायाजाल से बच सकें और मनु के मौलिक और निधान्त उपदेशो-आदेशों को अविरल रूप में पढ़ने का आनन्द प्राप्त कर सकें पाठकों की उसी मांग को पूरा करने के उद्देश्य से ट्रस्ट ने यह ‘विशुद्ध मनुस्मृति नामक पृथक संस्करण प्रकाशित किया है ।
यह सम्पूर्ण मनुस्मृति के अनुसन्धानकार्य पर आधारित है । उसमें निर्धारित मानदण्डों के आधार पर प्रक्षिप्त घोषित हुए श्लोकों को इस संस्करण में छोड़ दिया है और केवल मोलिक श्लोकों को ग्रहण किया गया है ।
इसका प्रथम संस्करण दिसम्बर १९८१ में प्रकाशित हुआ था विशुद मनुस्मृति का यह नवीन,संस्करण है, जो अपने अन्दर और अधिक विशेगताए लिये हुए हे ।
इसमें मनुस्मृति के मूल्यांकन से सम्बन्धित तथा श्लोकसम्बन्धी समीक्षा से सम्बन्धित लगभग २५० पृष्ठों की नयी सामग्री प्रदान की जा रही है।
लेखक | सुरेंद्र कुमार-Surendra Kumar |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 338 |
Pdf साइज़ | 62.6 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
विशुद्ध मनुस्मृति – Vishudh Manusmriti Book/Pustak Pdf Free Download