‘विनय पत्रिका भावार्थ’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Vinay Patrika’ using the download button.
विनय पत्रिका | Vinay Patrika Pdf Free Download
विनय पत्रिका भावार्थ
कोश-कौतुक केलि-कुल-संका-वन, बलन काक्न तरुण तेजरासी ॥४॥ लयानकर, कतुभान-प्रचुर-इर्ष- हाता। दुष्ट राबण-कुंभकर्ण- पाकारिजित-मरम्भित्, कर्म-परिपाक-दात्॥५ ॥ वति भुवनैकभूषण विभीषणक विहित कृत सम संग्राम साका।
पुष्पकारूडसीमित्रि-सीता-सहिज, भानु-कुलभानु- कीरति- पताका ॥ ३ ॥ उतिपर-यंत्रमंत्राभिचार-प्रसन, कारमन-कूट-कृत्यादि-हता। जशञाकिनी-डाकिनी-पूतना-प्रेत-वेताल-भूत- प्रमथ-यूथ यंता ॥ ७ ॥
जयति केदान्तविद विविध-विद्या-विशद वेद वेदांगविद व्रह्वादी। जान-विज्ञान-वैराग्य-भाजनविभो, विमल गुण गनति शुकनारदादी ॥ ८॥ जयति काल-गुण-कर्म-माया-मधन, निश्चलज्ञान, त-सत्यरत, धर्मचारी। सिद्ध-सुरवद-योगोंद्र-संहित सदा, दास तुलसी प्रणत भय-तमारी ॥९॥
भावार्य-हे इनुम्बद्जी! तुम्हारी जब हो। तुम बंदरोंके राजा, सिंहके समान पराक्रमी देवताओं नेष्ट, आनन्द और कल्याणके स्थान तथा कपालधारी शिवजीके अवतार हो।
मोह, मद, क्रोध, काम आदि दुष्टों से व्याप्त घोर संसाररूपी अन्धकारमयो खत्रिक नाश करनेवाले तुम साक्षात् सूर्य हो १॥
तुम्हारी जय हो। इुम्हरा जन्म अंगनीरूपी अदिति (देवमात) और वानरोंमें सिंहके समान केस्रीरूपी कश्यप से हुआ है। तुम जगतके कष्टों को हरनेवाले हो तथा लोक और लोकपाल को चकव- चकवी और कमलोंका शोक नाश करनेवाले साक्षात् कल्याण मूर्ति सूर्य हो ।
२० तुम्हारी जय हो। तुम्हारा शरीर बड़ा विशाल और भयंकर है प्रत्येक अंग के समान है, भुजदण्ड बड़े भारी हैं तथा बजके समान नख और सुन्दर दाँत शोभित हो रहे हैं तुम्हारी पूँछ बड़ो लम्बो है, स्युओंके संहारके लिये तुम अनेक प्रकारके अस्त्र, शस्त्र और पर्वतों को लिये रहते हो ॥३॥
तुम्हारी जय हो। तुम ओरताजोके शोक-सन जाड़नेवाले, तरुण तेजके पुंज मध्याश्नकालके सूर्यरूप हो। ४ ॥ तुम्हारी जय हो। तुम समुद्रपर पत्थरका पुल बाँधनेवाले,
राक्षसोंके महान् आनन्दके नाश करनेवाले तथा दुष्ट रावण कुम्भकर्ण और मेघनाद के मर्म- स्थानोंको तोड़कर उनके कमौका फल देनेवाले हो । ५ ॥
तुम्हारी जय हो। तुम त्रिभुक्नके भूषण हो, विभीषणको राम-भक्तिका वर देनेवाले हो और रणमें श्रीराम के साथ बड़े-बड़े काम करनेवाले हो। लक्ष्मण और सीता हित पुष्पक-विमानपर विराजमान सूर्यकुालके सूर्य श्रीरामजी की कीर्ति-पताका तुम्हीं हो ६॥ तुम्हारी जय हो। तुम शत्रुओंद्वारा किये जानेवाले
लेखक | Gita Press |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 364 |
Pdf साइज़ | 28 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
Related PDFs
શ્રી નારાયણ કવચ PDF In Gujarati
Mathavinte Vanakkamasam Prayers PDF In Malayalam
विनय पत्रिका – Vinay Patrika Pdf Free Download