तीन अंधे चूहे सचित्र | Teen Andhe Chuhe Book/Pustak PDF Free Download

तीन छोटे चूहों ने कुछ मस्ती करने का मन बनाया उन्होंने कहीं घूमने का मन बनाया, उन्होंने कहा, “यहाँ घर पर पड़े रहना बड़ा उबाऊ है.”
फिर वो तीन साहसी चूहे “नमस्कार, क्या हमें यहाँ सोने के लिए बिस्तर मिलेगा?” लेकिन सराए का मालिक सिर्फ मुस्कुराया और उसने “न” में अपना सिर हिलाया.
इसलिए तीनों चूहे रात को बाहर मैदान में ही सोए वे तीन साहसी चूड़े तीन ठंडे चूहे से अगली सुबह उठे वो ठंड से कांप रहे थे और हरेक का चेहरा सूजा था, क्योंकि वे पूरी रात खुले मैदान की कड़क सर्दी में सोए थे.
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 17 |
PDF साइज़ | 2.5 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
तीन अंधे चूहे सचित्र | Teen Andhe Chuhe Book/Pustak PDF Free Download