योग वशिष्ठ | Yoga Vashishtha PDF In Hindi
योग वशिष्ठ – Yoga Vashishtha Book Pdf Free Download योग वशिष्ठ ईश्वर बोले, हे मुनीश्वर! स्वरूप का विस्मरणजो इस प्रकार होता है कि मैं हन्ता हूँ, मैं दुःखी हूँ, सो अनात्मा में अहं प्रतीति करके ही दुःख का अनुभव करता है । जैसे स्वप्न में पुरुष आपको पर्वत से गिरता देख के दुःखी होता है …