स्वामी विवेकानंद के उपदेश | Swami Vivekanand Sermon PDF

स्वामी विवेकानंद उपदेश – Swami Vivekanand Preaching PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

है सखे, तुम क्यों रो रहे हो ? सब शक्ति तो तुम्ही में हैं। हे भगवन, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो। ये तीनों लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं जड की कोई शक्ति नहीं प्रबल शक्ति आत्मा की है।

है विवना डरो मत्: तुम्हारा नाश नहीं है, संसार-सागर से पार उतरने का उपाय हैं। जिस पथ के अवलम्बन से यती लोग संसार-सागर के पार उतरे हैं, वही श्रेष्ठ पथ मै तुम्हे दिखाता है

बड़े-बड़े दिग्गज बह जायेंगे। छोटे-मोटे की तो बात ही क्या है। तुम लोग कमर कसकर कार्य में जुट जाओ. हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट देगे। अभी तो केवल मात्र प्रारम्भ ही है।

किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर अग्रसर हो – यह दुनिया भयानक है, किसी पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण नहीं है, माँ मेरे साथ हैं — इस बार ऐसे कार्य होगे कि तुम चकित हो जाओगे।

भय किस बात का? किसका भय बज जैसा इदय बनाकर कार्य में जूट जाओ। (विवेकानन्द साहित्य खण्ड तुमने बहुत बहादुरी की है। शाबाश हिचकने वाले पीछे रह जायेंगे और तुम कुद कर सबके आगे पहुँच जाओगे।

जो अपना उदार में लगे हुए हैं, वे न तो अपना उद्धार ही कर सकेंगे और न दूसरों का। ऐसा शोर – गुल मचाओ की उसकी आवाज दुनिया के कोने कोने में फैल जाय। कुछ लोग ऐसे हैं

जो कि दूसरों की त्रुटियों को देखने के लिए तैयार बैठे हैं किन्तु कार्य करने के समय उनका पता नही चलता है। जुट जाओ, अपनी शक्ति के अनुसार आगे बटो।इसके बाद में भारत पहुँच कर सारे देश में उत्तेजना फेंक दूंगा।

लेखकस्वामी विवेकानंद-Swami Vivekanand
भाषाहिन्दी
कुल पृष्ठ13
Pdf साइज़1 MB
Categoryप्रेरक(Inspirational)

Related PDFs

मेरे गुरुदेव PDF In Hindi

स्वामी विवेकानंद जी उपदेश – Swami Vivekanand Ji Updesh Book/Pustak Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!