साधना सुधा सिंधु | Sadhana Sudha Sindhu PDF In Hindi

साधना सुधा सिंधु – Sadhana Sudha Sindhu PDF Free Download

स्वामी जी महाराज के महत्वपूर्ण प्रवचन

आनेवाले जड पदार्थोंकी अपेक्षा उनका ज्ञान सूक्ष्म है और ज्ञानकी अपेक्षा ज्ञाता अत्यधिक सूक्ष्म है। फिर वह जाननेमें कैसे आ सकता है ? श्रुति भी कहती है ‘विज्ञातारमरे केन विजानीयात् ?’

उसीकी चित्-शक्तिसे बुद्धि, मन और इन्द्रियाँ अपने अपने विषयोंको जाननेमें समर्थ होती हैं। वह ज्ञेय-तत्त्व दूर-से-दूर और समीप-से-समीप है।

देशकी दृष्टि से देखनेपर पृथ्वीसे समीप शरीर, शरीरसे समीप प्राण, प्राणसे समीप इन्द्रियाँ, इन्द्रियोंसे समीप मन, मनसे समीप बुद्धि बुद्धिसे समीप जीवात्मा तथा उसका भी प्रेरक और प्रकाशक सर्वव्यापी परमात्मा है और दूर देखनेपर शरीरसे दूर पृथ्वी,

पृथ्वीसे दूर जल, जलसे दूर तेज, तेजसे दूर वायु, वायुसे दूर आकाश, आकाशसे दूर समष्टि मन, मनसे दूर महत्तत्त्व, महत्तत्त्वसे दूर परमात्माकी प्रकृति तथा प्रकृतिसे अति दूर स्वयं परमात्मा है।

अतः देश की दृष्टि से परमात्मा दूर-से-दूर है । इसी 1. प्रकार कालकी दृष्टि से परमात्मा दूर-से-दूर तथा समीप-से समीप है।

वर्तमान कालमें तो वह परमात्मा है; क्योंकि जड वस्तुमात्र प्रत्येक क्षण नाशको प्राप्त हो रही है; अतएव उनकी तो सत्ता है ही नहीं।

यदि सत्ता मानें भी तो उससे भी समीप वह सत्य-तत्त्व है और भूतकालकी ओर देखें तो दिन, पक्ष,वह ज्योतियोंका भी ज्योतिःस्वरूप है।

अर्थात् जैसे घट-पट आदि भौतिक पदार्थोंका प्रकाशक सूर्य है तथा वह सूर्य घट-पट आदिके भाव और अभाव दोनोंको प्रकाशित करता है, जैसे सूर्यके प्रकाश-अप्रकाशको निर्विकाररूपसे नेत्र प्रकाशित करता है, नेत्रके देखनेकी क्रिया

तथा नेत्रकी ठीक-बेठीक अवस्थाको एकरूप रहता हुआ मन प्रकाशित करता हैं, मनकी शुद्धाशुद्ध अनेक विकारयुक्त क्रियाको बुद्धि निर्विकाररूपसे प्रकाशित करती है तथा बुद्धिके भी ठीक-बेठीक कार्यको आत्मा प्रकाशित करता है,

उसी प्रकार समष्टि-सृष्टि, उसकी नाना क्रियाओं तथा अक्रिय अवस्थाओंको शुद्ध चेतनरूप परमात्मा प्रकाशित करता है। अतः वह ज्योतियोंका भी ज्योति है तथा अज्ञान-रूप अन्धकारसे अत्यन्त भिन्न हैं।

लेखकरामसुख दास-Ramsukha Das
भाषाहिन्दी
कुल पृष्ठ1220
Pdf साइज़127.7 MB
Categoryसाहित्य(Literature)

साधना सुधा सिंधु – Sadhana Sudha Sindhu Book Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!