मिटटी चिकित्सा – Mud Therapy Book PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
रोगों में गीली मिट्टी लगाते हैं और इससे उन्हें आश्चर्यजनक- लाभ होता है। जो लोग कभी इन लोगों के पास रहे हों उन्हें मेरे कथन की सचाई भली भांति सिद्ध हो जायगी। शिकारियों से सुना है कि जंगली सुअर गोली खाकर तुरंत कीचड़ की शरण लेता है और उसमें खूब लोटता है।
इस प्रकार गीली चिकनी मिट्टी उसके घाव फे चौतरफ लग जाती है और घाय के ठीक अन्दर भी भर जाती है । मिट्टी के अद्भुत गुणों के कारण सुअर का घाव दो तीन रोज अच्छा हो जाता है और गोली भी खाल के अन्दर से बाहर आ जाती है। यह प्रयोग वह जान वर अन्तःकरण की प्रेरणा से करता है और शीघ्र अच्छा होजाता ।
क्या यह स्वाभाविक चिकित्सा बड़े-बड़े सिविल सर्जन व डाक्टरों को आधार्य में नहीं डालेगी? इसके सिवा अन्य पशु भी चोटों व घावों पर मिट्टी लगाते हैं। खास कर ऐसा देखा गया है कि हाथी को जब चोट या जसम हो जाते हैं तो वह अपनी लार से ही मिट्टी को गीली कर लेता है और उसे घावों और चोटों पर लगा कर फीरन अच्छा कर लेता है ।
दूसरी किसी भी दवा से ऐसा जल्दी लाम नहीं हो सकता । हमारे देश में अज्ञानवश लोग ऊंट व थोड़े आदि के घाव, चोट, दर्द आदि की चिकित्सा में यही भूले करते हैं और इनका परिणाम होता है
कि बेचारे सीब जानवर बहुत कष्ट पाते हैं और बहुत से मर भी जाते हैं। यदि दाम देने, सेकने च कंठे खेप करने के बजाय अलौकिक व सुलभ नीली मिट्टी का प्रयोग किया जाय तो यात्रायजनक लाभ हो सकता है।
लेखक | युगलकिशोर चौधरी-Yugalkishor Chaudhary |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 34 |
Pdf साइज़ | 1.2 MB |
Category | आयुर्वेद(Ayurveda) |
मिटटी सभी रोगों की रामबाण औषधि है | Mitti Sabhi Rogo Ki Ramban Aushdhi Hai Book/Pustak Pdf Free Download