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लाल किताब उपाय सहित – Lal Kitab Upay Sahit PDF Free Download
अपनी किस्मत अपने आप बदल सकतें हैं।
“अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना यानि अपनी किस्मत अपने आप खराब करना । हमारे बुजुर्गों और ऋषि मुनियों ने हर कहावत बड़े तजुर्बे और अनुभव के आधार पर लिखी है।
अगर कोई अपनी किस्मत अपने आप खराब कर सकता है तो अच्छी क्यों नहीं कर सकता है ? हर बात के दो पहलू होते हैं नहीं तो उसका कोई मतलब नहीं होता।
“सुख का एहसास तभी होगा जब दुख होगा। रोशनी का एहसास तभी होगा जब अंधेय होगा। दिन है तो रात है, जिन्दगी है तो मौत है।” अगर कर्म और उपाय करने से किस्मत नहीं बदलती हो तो कोई भी कर्म व उपाय न करें।
एक बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि उपाय करते समय आप के दिल में यदि श्रद्धा और विश्वास नहीं है, या कोई भी कम है तो उपाय नहीं करना चाहिए।
उपाय श्रद्धा, विश्वास होने पर ही असर करते हैं। कोई विद्वान ज्योतिष आचार्य और गुरु आपको उपाय बढ़ाता है तो गुरु से तकरार न करें और न ही ये जानने की कोशिश करें कौन सा उपाय किस कार्य के लिए है।
“गुरु और शिष्य की बीच में जो मिलन है, वह शिष्य के मौन और गुरु के शब्द में होता है।” “सदा ही गुरु शिष्य को पहचानता है, शिष्य कभी गुरू को नहीं पहचान सकता” खुद इन्सान की पेश न जाए, तुकम विधाता होता है।
सुख दौलत और साँस अंतिम उम्र का फैसला होता है। बीमारी का इलाज है, मगर मौत का कोई इलाज नहीं, सांसारिक हिसाब किताब है कोई दवाए खुदाई नहीं
ब्रह्मांड में ग्रह चाल की बदलती हुई अवस्था
बच्चा जब पैदा हुआ तब इस जमाने की हवा में आया तब बच्चे का शरीर नरम, मुलायम एवं कोमल और भोला-भाला था। बच्चे की ज्यों-ज्यों उम्र बढ़ी ग्रहों ने अपना असर डालना शुरू किया।
गुरु से शिक्षा लेकर तब कर्म धर्म करना सीखा और मान-सम्मान बेइज्जती का फर्क मालूम होने लगा। वक्त वह आया जो रूहानी हालत का हुआ।
पट्टे तक जो बढ़ते थे बढ़ चले तब बृहस्पति की उम्र 16 से शुरू हुई 21 वर्ष मुकम्मल हुई। अब वक्त आया इल्म हुनर का खुद अपने हाथों से धन कमाने का बच्चा बालिग हुआ उम्र 22 से 23 वर्ष वक्त सूर्य का हुआ माता की सेवा करने लगा।
अपने कमाये धन से उम्र हुई 24 वर्ष वक्त चन्द्र का हुआ अब आया वक्त शादी का परिवार गृहस्थाश्रम का और बाल बच्चों का वक्त शुक्र का शुरू हुआ। 25 वर्ष अब आया।
वक्त मंगल का उम्र 26 वर्ष खाने पीने और भाई का हिम्मत, ताकत बढ़ाने का दुनियादारी निभाने का रिश्तों को मजबूत करने का। अब वक्त होगा बुध का जो कि व्यापार का स्वामी है।
दिमाग चालाकी से व्यापार को उम्दा करने का उम्र हुई 34 वर्ष मकान जायदाद को बढ़ाने का वक्त आया। उम्र हुई 36 वर्ष वक्त हुआ शनि का।
अब वक्त आया राहू की रहनुमाएं का वर्ष 42 से 47 तक का अब वक्त आया केतू का घुमने फिरने का वर्ष 48 से 50 तक का
लेखक | Harkesh Kumar |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 103 |
PDF साइज़ | 42.3 MB |
Category | Astrology |
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