भगवान के नाम का महत्व – Names of God Pdf Free Download
भगवान के नाम की महिमा एवं परम सेवा का महत्व
जितने जो सुन्दर सुन्दर शरीर हैं इन सबकी एक दिन खाक या मिट्टी होनेवाली है। आज यदि मृत्यु हो जाये तो आज ही खाक है। और उस खाकको फिर कोई छुएगा भी नहीं।
अपना हाड़-मांस है और भी जो कुछ है सबकी भस्मी हो जायेंगी कोई चीज काम नहीं आवेगी। इसलिये जब तक इसकी भस्मी न हो तब तक इससे खूब काम लेना चाहिये।
अभी तो इसको बदिया-से-बढ़िया काममें लिया जा सकता है। हजारों बार अपने शरीरकी खाक हुई है, इस शरीरकी भी होनेवाली है। ऐसा सुन्दर शरीर, ऐसा दामी शरीर,
लाख रुपया दनपर भी नहीं मिल सकता, जिसकी भस्मी होनवाली है। कितनी मूर्खता है जो इससे काम न लिया जाय। मरनेके बाद इसका कोई दाम नहीं, इस कोई घर में रखगा ही नहीं।
इसलिये इस शरीरसे खूब काम लेना चाहिये। यही बुद्धिमानी है। पूरे दिनकी भाड़की मोटर होती है और उस भाडा दे दिया गया, तो अब उससे खुब काम ला। जो उससे काम नहीं लेता वह मुरत है।
जैग किसी खतमें धातु है और उसे एक मालक लिये ठकपर ले लिया, अब उसमेन जितना धातु निकाल लिया जाय वही अपना एक साल बाद तो अपना अधिकार रहेगा नहीं।
इसी प्रकार जब तक यह शरीर है इससें खुब काम लेना चाहिये। इसम भी भगवानका भाजन ध्यान सत्संग करना बहुत दामी है। रत्न भी इसके सामने कोई मुकाबलेकी चीज नहीं है
इसलिये इस शरोरसे लाभ उठाना चाहिय मा नाम उताच कि सदाक लिये सुखी हो जान वामान ता हा नाग दिन जाग गत है बोलते हुए तलम जैस भगवान् अर्जुनसे कहते हैं
लेखक | जय दयाल गोयनका-Jai Dayal Goyanka |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 105 |
Pdf साइज़ | 370.5 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
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