उत्तरप्रदेश का इतिहास | History of Uttar Pradesh PDF In Hindi

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उत्तर प्रदेश का इतिहास और जानकारी – History and Information of Uttar Pradesh PDF Free Download

उत्तर प्रदेश का इतिहास

उत्तर प्रदेश के मध्यकालीन और आधुतनक इतिहास पर कल और परसोृंएक लेख होगा।
• उत्तर प्रदेश मेंिाम्र-पाषातणक सृंस्कर ति के साक्ष्य मेरठ और सहारनपुर सेप्राप्त हुए है।

• उत्तरप्रदेश मेंपुरापाषाण कालीन सभ्यिा के साक्ष्य इलाहाबाद के बेलन घाटी, सोनभद्र के तसिंगरौली घाटी िथा चिंदौली केचतकया नामक पुरास्थलोृंसेप्राप्त हुए हैं।

• बेलन नदी घाटी के पुरास्थलोृंकी खोज एवृं खुदाई इलाहाबाद तवश्वतवद्यालय के प्रोफे सर जी- आर- शमााकेतनदेशन मेंकराई गई।

• बेलन घाटी के ‘लोहदानाला’ नामक पुरास्थल सेपाषाण उपकरणोृंके साथ-साथ एक अस्थि- तनतमाि मािृदेवी की प्रतिमा भी प्राप्त हुई है।

• मध्य पाषाणकालीन मानव अल्कस्थ-पृंजर के कु छ अवशेष प्रिापगढ केसरायनाहर राय ििा महदहा नामक स्थान सेप्राप्त हुए हैं।

• नवीनिम खोजोृंकेआधार पर भारिीय उपमहाद्वीप मेंप्राचीनिम कर तष साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के सृंि कबीर नगर तजलेमेंल्कस्थि लहुरादेव है।

• यहाृंसे8000 ई-पू- से9000 ई-पू- केमध्य चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

• तमजाापुर, सोनभद्र, बुृंदेलखृंड एवृं प्रिापगढ के सराय नाहर राय सेउत्खनन मेंनवपाषाण काल केऔजार एविंहतियार तमलेहैं।

• आलमगीरपुर सेहड़प्पाकालीन वस्तुएृं प्राप्त हुई हैं, यह हड़प्पा सभ्यिा के पूवी तबस्तार को प्रकट करिा है। यहाृंसेकपास उपजानेकेसाक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं।

• 16 महाजनपदोृं मेंसे8 महाजनपद मध्य देश (आधुतनक उ-प्र-) मेंल्कस्थि थे, तजनके नाम थे- कु रू, पािंचाल, काशी, कोशल, शूरसेन, चेतद, वत्स और मल्ल।

• कुशीनगर पर हूणो िंकेआक्रमण के भी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
• कुशीनगर में483 ई- पू- मेंगौिम बुद्ध को महापररतनवााण की प्राल्कप्त हुई थी।
• कालसी (विामान उत्तराखण्ड) मेंअशोक का चौदहवािं तशलालेख प्राप्त हुआ हैं। यहाृं से सृंस्कर ि पदोृंसेउत्कीणाईटोृंकी एक वेदी तमली हैजो िरिीय शिी ई- केशासक शीलवमान के अश्वमेघ यज्ञ थिल का साक्ष्य है।
• गौिम बुद्ध का अतधकाृंश सृंन्याशी जीवन उत्तर प्रदेश मेंही व्यिीि हुआ था। इसी कारण उत्तर प्रदेश को ‘बौद्ध धमाका पालना कहिेहै
• गौिम बुद्ध नेसवाातधक वषााकाल कोशल राज्य मेंव्यिीि तकए थे।

• चेतद महाजनपद की राजधानी शुल्किमिी (बाृंदा के समीप) थी।

• अयोध्या का प्राचीन नाम अयाज्सा था।

• बौद्ध परृंपरा के अनुसार अशोक नेएक स्तूप का तनमााण अयोध्या मेंकराया था।

• जैन ग्रृंथोृंके अनुसार आतदनाथ सतहि पािंच िीिंकारो िंकी जन्मभूतम अयोध्या थी।

• अतहच्छत्र से‘तमत्र’ उपातध वालेराजाओिंके तसक्के (200-300 ई-) प्राप्त हुए हैं।

• अतहच्छत्र सेगुप्तकालीन ‘यमुना’ की एक मूतिाप्राप्त हुई.

• पुष्यभूति शासक हषावद्धान के काल (606-647 ई-) मेंकन्नौज नगर ‘महोदयश्री’ अथवा ‘महोदय नगर’ भी कहलािा था। तवष्णुधमोत्तर पुराण मेंकन्नौज को ‘महादेव’ बिाया गया है।

• कन्नौज पर आतधपत्य के तलए गुजार-प्रतिहारो िं, पालो िं एविं राष्ट्रकूटोिंके मध्य दीघाकालीन तत्रकोणीय सृंघषाहुआ था।

• सवाातधक समय िक कन्नौज पर गुजार-प्रतिहारो िंनेशासन तकया था।

• 1018-1019 ई- मेंमहमूद गजनवी नेकन्नौज पर आक्रमण तकया था।

• अहरौरा (तमजाापुर) सेअशोक का लघु तशलालेख िथा सारनाि (वाराणसी) एविं कौशाम्बी (इलाहाबाद केसमीप) सेलघुस्तिंभ-लेख तमला है।

• अशोक की राजकीय घोषणाएृं तजन स्तृंभोृंपर उत्कीणाहैं, उन्हें‘लघुस्तिंभ-लेख’ कहा जािा है।

• साृंची एवृंसारनाथ केलघुस्तिंभ-लेख मेंअशोक अपनेमहामात्रेंको सृंघ भेद रोकनेका आदेश देिा है।

• प्रयाग स्तृंभ पर अशोक की रानी करूवाकी द्वारा दान तदए जानेका उल्लेख है। इसे‘रानी का अतभलेख’ भी कहा गया है।

• काशी का सवाप्रिम उल्लेख अिवावेद मेंतमलिा है। महाभारि के अनुसार इस नगर की स्थापना तदवोदास नेकी थी। काशी महाजनपद की राजधानी वाराणसी थी।

• गढ़वा (इलाहाबाद) मेंकु मारगुप्त प्रिम के दो तशलालेख ििा स्किं दगुप्त का एक तशलालेख प्राप्त हुआ है।

• तभिरी स्तृंभ लेख (गाजीपुर) मेंपुष्यतमत्रेंऔर हूणोृंके साथ स्कृं दगुप्त केयुद्ध का वणान है।

• 1194 ई- मेंचृंदावर के युद्ध मेंमुहम्मद गोरी नेगहड़वाल नरेश जयृंचद (कन्नौज का शासक)को परातजि तकया था।

• 1018 ई- मेमहमूद गजनवी नेमथुरा केमृंतदरोृंको ध्वृंस कर लूटपाथ की थी।

• 1670 ई- मेंऔरृंगजेब नेमथुरा के कर ष्ण मृंतदर (वीर तसृंह बुृंदेला द्वारा तनतमाि) को नष्ट तकया था।

• अशोक नेसारनाथ मेंएक तसृंह स्तृंभ बनवाया था। इसी तसृंह स्तृंभ शीषाको स्विृंत्र भारि के राजतचन्ह केरूप मेंअपनाया गया है।

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 83
PDF साइज़40 MB
CategoryHistory
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