वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति | Vedic Science And Indian Culture PDF

वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति – Vedic Science And Indian Culture PDF Free Download

वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति

प्रकृत ग्रन्थ व्याख्यान-शैली से लिखा गया है, और जो बातें भूमिका में लिखने योग्य थीं, बहुधा ग्रन्य के प्राक्कथन में ही आ यूकी हैं। अतः, अब यहाँ कोई भूमिका लिखने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।

केवल इतना ही वक्तव्य है कि भारतीय संस्कृति का मूल वेद है, यही इस पुस्तक में दिलाया गया है हम लोगों का तो विश्वास है और क्रमशः प्रमाणों से भी सिद्ध होता जा रहा है कि विश्व-संस्कृति का भी मूल वेदों में निहित है ।

तब भारतीय संस्कृति के वेदमूलक होने में तो कोई सन्देह नहीं हो सकता। मध्यकाल में तिमिराच्छन्न विलुप्त-सी हो जाने के कारण वेदार्थ की यह शैली बाज नवीन-सी प्रतीत होती है।

अनेक मान्य विद्वान् भी परम्परा-प्राप्त न होने के कारण इस शैली को नवीन कहकर उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। उनसे इतना ही निवेदन है कि केवल मीमांसा-दर्शन की दृष्टि से ही आपका यह विचार है निदान,

रहस्य आदि अनेक अंगों के कालवश विलुप्त हो जाने पर भी निरुक्त, बृहद वता आदि उपलब्ध ग्रन्थों पर यदि मनन किया जायगा, तो इस शैली के परम्परा प्राप्त न होने का सन्देह दूर हो जाएगा ।

ये ग्रन्थ मीमांसा-दर्शन से भी बहुत प्राचीन हैं, जिनमें वेदों के अर्थ की प्राचीन परम्परा सुरक्षित है। मुख्य रूप से तो ब्राह्मणों का एक बहुत बड़ा भाग, जिसे अर्थवाद कहकर मीमांसा ने उपेक्षित कर दिया है, इस समस्त परम्परा का मूल है।

यह सब विषय ग्रन्थ के प्राक्कथन में लिखा जा चुका है। मनु आदि महर्षि जो वेद को सर्वविद्यानिपान मानते आये हैं, और सर्व वेदात् प्रसिष्यवि’ यह जो भारतीय संस्कृति की उन्मुक्त घोषणा है,

लेखक गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी-Giridhar Sharma Chaturvedi
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 312
Pdf साइज़14.4 MB
Categoryइतिहास(History)

वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति – Vaidik Vigyan Aur Bharatiya Sanskriti Book/Pustak Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!