सुगम संस्कृत व्याकरण | Sugam Sanskrit Vyakaran PDF

सुगम संस्कृत व्याकरण – Sugam Sanskrit Vyakaran Book/Pustak PDF Free Download

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विषयानुक्रमणिका

क. यत्किञ्चित्

ख. विषयानुक्रमणिका

  • १. संज्ञा-प्रकरण
  • २.स्वर-संधि (अच्)
  • ३. व्यअन-संधि (हल)
  • ४. विसर्ग संधि
  • ५. संधि (सिद्धि) प्रकरण
  • ६. समास प्रकरण
  • ७. कारक-प्रकरण
  • ८. परीक्षा में उत्तर लिखने की विधि
  • ९. स्त्री-प्रत्यय
  • १०. कृदन्त-प्रत्यय
  • ११. तद्धित-प्रत्यय
  • १२ प्रकृति-प्रत्यय निर्देश
  • १३ शब्द रूप
  • १४. धातु रूप
  • १५.अनुवाद की सरलतम विधि (मात्र १५ दिनों में)
  • १६. संस्कृत निबन्ध (संस्कृत-महत्त्वम्, विद्या भारतीया संस्कृतिः, सत्संगतिः, परोपकारः, उद्योग, सत्यम्)
  • १७ छन्द: ज्ञान
  • १८. परिशिष्ट

२. अच् संधि (स्वर संधि )

संस्कृत के प्रत्येक शब्द के अन्त में कोई स्वर, व्यञ्जन, अनुस्वार अथवा विसर्ग अवश्य रहता है और उस शब्द के आगे किसी दूसरे शब्द के होने से जब उनका मेल होता है, तब पूर्व शब्द के अन्त वाले या बाद के शब्द के आरम्भ के स्वर, व्यञ्जन या विसर्ग में कोई परिवर्तन हो जाता है। इस प्रकार मेल होने से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं।

इस प्रकार संधि का अर्थ है, मेल। इस परिवर्तन में कहीं पर

१. दो स्वरों के स्थान पर नया स्वर आ जाता है। जैसे- रमा + ईशः = = रमेशः । यहाँ मा में स्थित आ तथा ईश: के ई के स्थान पर नया स्वर ए आ गया है।

२. कहीं पर विसर्ग का लोप हो जाता है- सः + गच्छति = स गच्छति। यहाँ सः के विसर्गों का लोप हो गया है।

३. कहीं पर दो व्यञ्जनों के बीच नया व्यअन आ जाता है। जैसे- धावन् + अश्चः धावन्नश्चः। यहाँ एक न् का अतिरिक्त आगम हो गया।

अतः तत् तत् विशेषता के कारण इसे क्रमशः स्वर संधि, विसर्ग संधि तथा व्यञ्जन संधि कहा जाएगा अर्थात् स्वर के साथ स्वर के मेल होने के परिणामस्वरूप परिवर्तन को स्वर संधि कहा जाएगा।

इसी का दूसरा नाम अच् संधि भी है। यहाँ अच् प्रत्याहार है, जिसके अन्तर्गत- अइउ, ऋऌ, एओ, ऐऔ १४ माहेश्वर सूत्रों मे ‘अ’ से लेकर ‘च’ तक के सभी वर्ण आते हैं, जो स्वर हैं।

बीच में प्रयुक्त होने वाले ण्, क्, ङ् तथा च् की हलन्त्यम् सूत्र से इत् संज्ञा होकर लोप हो जाता है। अब हम अच् संधि प्रकरण में स्थित सूत्रों की सोदाहरण व्याख्या करेंगे।

लेखक राकेश शास्त्री- Rakesh Shastri
आनंदस्वरूप शास्त्री-Anandswarup Shastri
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 218
Pdf साइज़51 MB
Categoryसाहित्य(Literature)

आनंदस्वरूप शास्त्री रचित सुगम संस्कृत व्याकरण

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