श्री गुरु कलगीधर चमत्कार – Sri Kalgidhar Chamatkar Book/Pustak Pdf Free Download
श्री गुरु कलगीधर चमत्कार
संत कवि भाई साहिब डा: वीर सिंह जी की इस रचना ‘श्री गुरु कलगीधर चमत्कार’ को हिन्दी पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए हमें अति ह हो रहा है। इस रचना का हिन्दी में प्रथम प्रकाशन १९७० में हुआ था।
मूल रूप में ‘श्री गुरू कल्गीधर चमत्कार’ पंजाबी भाषा में दो भागों में प्रकाशित है। हिन्दी में इसी रचना के चार भाग बना दिये गये हैं।
भाई साहिब डा: वीर सिंह जी पंजाबी साहित्य के एक सर्वतोमुखी मूर्धान्य साहित्यकार हैं, जिन्होंने पंजाबी काव्य एवं भाषा को उन्नति के शिखर पर पहुँचा दिया।
श्री गुरू कलगीधर चमत्कार ‘ भाई साहिब जी की गद्य-रचना है इसमें श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी का जीवन-वृत्तान्त है।
भाई साहिब की इच्छा थी कि समानता के उपदेशक, ईश्वर प्रेमी, जगततारक गुरू गोबिन्द सिंह जी की जीवन-लीलाओं एवं उपदेशों को पंजाबी भाषा से अपरिचित अन्य भारतवासियों तक भी पहुँचाया जाए।
इस दृष्टि से भाई वीर सिंह साहित्य सदन की ओर से यह प्रयास किया गया है। अनुवाद मूल रचना की अपेक्षा एक कठिन कार्य है। पर इसको सफल बनाने के लिए भरसक यत्न किया गया है।
पुस्तक की भाषा और शैली अत्यन्त सरल रखी गई है, जिससे साधारण पाठक भी पूरा लाभ उठा सकें। बहुत सीमा तक मूल लेखक की ही भाषा ले ली गई है।
मूल रचना में आए प्रचलित फारसी और अरबी के कुछ शब्द भी ले लिए गये हैं गुरु वाणी की प्रामाणिकता बनाए रखने की दृष्टि से उन्हें गुरूमुखी से ज्यों का त्यों देवनागरी लिपी में दे दिया गया है।
हमारा विश्वास है कि भाई साहिब भाई वीर सिंह जी की मूल रचना का यह अनुवाद हिन्दी पाठकों को भी उसी तरह उत्प्रेरित करेगा, जैसे कि यह पंजाबी पाठकों को करता आया है।
लेखक | वीर सिंह-Vir Singh |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 273 |
Pdf साइज़ | 62.9 MB |
Category | आत्मकथा(Biography) |
श्री कलगीधर चमत्कार – Sri Kalgidhar Chamatkar Book/Pustak Pdf Free Download