All Details of Jagannath Rath Yatra Pdf Free Download
जगन्नाथ रथ यात्रा क्या है? उसका इतिहास
परमाराध्यतम श्रीगुरुपादपाय नित्यलीला प्रविष्ट ॐ विष्णुपादा अष्टोत्तरशतश्री श्रीमतिप्रशान केशव गोस्वामी महाराजकी अहैतुकी अनुकम्पा और प्रेरणासे उन्होंकी प्रीतिके लिए
‘श्रीजगन्नाथ रथ-यात्राके श्रीमन् महाप्रभुके द्वारा प्रदर्शित गूढ़ रहस्यपूर्ण भाव समन्वित वृत्तान्त’ को हिन्दी भाषा-भाषी पाठकोंके समक्ष प्रस्तुत करते हुए अपगार आनन्दका अनुभव कर रहा है।
श्रीपुरुषोत्तमधाम श्रीजगश्राथपुरी में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मासके शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथिरणे आरम्भ करके शुक्ला एकादशी तक अर्थात कुल मिलाकर नो दिन तक स्थ-यात्राका महोत्सव मनाया जाता है।
शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथिके दिन श्रीजगत्राथ., श्रीवलनेदव और श्रीसुभद्राजीके रथ नीलाचल श्रीजगनाथ मन्दिरसे सुन्दर चल (वृन्दावन ) गुंडिचा मन्दिरको ओर जाते हैं
श्रीजगत्राथ, श्रीवलेदव और श्रीसुभद्राजी प्रायः सात दिन तक श्रीगुण्डिच्चा मन्दिरमें वास करते हैं। नवम दिन अर्थात शुक्ला एकादशीक दिन रथ पुनः श्रोण्डिचा मन्दिरसे श्रीजगन्नाथ मन्दिरकी ओर लाये जाते है।
श्रीराधा-भाव-धूलि-सुवलित श्रीथेतन्य महाप्रभुने गुण्डिया मन्दिर मार्जनकी प्रचाको आरम्भ करके इस उत्सवको दस दिनका बना दिया है।
इन दस दिनोमें गुण्डिचा मन्दिर मार्जन, नेत्रोत्सव थवा आङ्ग-रागोत्सव, पाण्डविजय (श्रीथिग्रहों के श्रीमन्दिरसे बाहर आने की परिपाटी और रथके ऊपर आरोहण), रथ गमन, हरा-पञ्चमी (श्रीलक्ष्मी विजयोत्सव) आदिके अतिरिक्त अन्यान्य अनेक उत्सव मनाये जाते हैं ।
श्रील कृष्णदास कविराज गोस्वामीने इस सब ठत्स्वोका तथा श्रीचैतन्य महाप्रभु और उनके परिकरोंके द्वारा इन उत्सवोंको पालन करनेकी रीतिका विस्तृत रूपमें वर्णन किया है।
यद्यपि रथ-यात्राका उत्सव प्राचीन कालसे मनाया जाता है और अनेकानेक सम्प्रदाय, यहाँ तक कि मायावादी लोग भी इस उत्सवमें सम्मिलित होते हैं, तथापि जिस रूपमें श्रीचैतन्य महाप्रभुने इस रथ-यात्राके अद्भुत और गूढ़ रहस्यों को प्रकाशित किया है,
श्रीगीड़ीय-भक्तोंके अतिरिक्त प्रायः अन्यान्य सभी लोग उन रहस्योंसे अनभिज्ञ हैं।
श्री कृष्णदास कविराज गोस्वामीने श्रीचैतन्य महाप्रभुके नित्य परिकर तथा उनकी लीलाओंके प्रत्यक्षदर्शी श्रील स्वरूप दामोदर गोस्वामीके कड़थे श्रील रथुनाथदास गोस्वामीके मुख कमल से निःसृत स्वरचित श्रीचैतन्य चरितामृतमें रथ-यात्राके सम्बन्धमें द्वारा सभी भावों और जगत्-वासियोंके परम कल्याणके लिए
लेखक | वेदांत नारायण-Vedant Narayan |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 221 |
Pdf साइज़ | 5.2 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा – Sri Jagannath Rath Yatra Book Pdf Free Download