ग्रामीण समाजशास्त्र नोट्स | Rural Sociology Notes PDF In Hindi

‘ग्रामीण समाजशास्त्र की विशेषताओं’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Features Of Rural Sociology’ using the download button.

ग्रामीण समाजशास्त्र उदय – Rise Of Rural Sociology PDF Free Download

ग्रामीण शास्त्र

प्रस्तावना

गाँव मानव के सामूहिक जीवन का प्रथम पालना है। मानव ने सबसे पहले जब सामूहिक रूप में रहना प्रारम्भ किया तो गाँव ही उसके निवास स्थान रहे।

संसार की अधिकां”। जनसंख्या आरम्भ से लेकर अब गाँवों में ही बसी है।

समाजशास्त्र में अध्ययन की सुविधा के लिए समय-समय पर अनेक शाखाओं और उपखाओं की स्थापना की गई आदिम समाजों के समाज स्त्रीय अध्ययन के लिये सामाजिक मानवशास्त्र की स्थापना की गई।

समाज से सम्बन्धित मनोवैज्ञानिक पक्ष का गहन अध्ययन करने के लिए सामाजिक मनोविज्ञान एक विष्ट विषय के रूप में विकसित हुआ।

इसी क्रम में ग्रामीण समाजों का समाज “स्त्रीय दृष्टिकोण विष्टि, गहन एवं •सारगर्भित अध्ययन करने के लिए ग्रामीण समाजशास्त्र विषय की स्थापना की गई।

ग्रामीण समाजशास्त्र का मुख्य उद्दे”य ग्रामीण समाजों का समाज “स्त्रीय परिप्रेक्ष्य से अध्ययन करके इन समाजों को सामाजिक व्यवस्था सामाजिक संरचना, प्रकार्य और उनमें होने वाले परिवर्तनों का गहन अध्ययन करना व उनसे सम्बन्धित समाज “स्त्रीय सिद्धान्तों का निर्माण करना है।

ग्रामीण समाजशास्त्र की अवधारणा

शाब्दिक दृष्टिकोण से ग्रामीण समाजशास्त्र ग्रामीण (Rural) एवं समाजस्त्र (Sociology) दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ हुआ ग्रामीण समाज “स्त्र, समाजशास्त्र की वह शाखा है जो ग्रामीण जीवन, ग्रामीण समूहों, ग्रामीण सम्बन्धों एवं ग्रामीण जगत का वैज्ञानिक अध्ययन करती हैं।

अनेक समाजवेताओं ने ग्रामीण समाजशास्त्र को परिभाषित करने का प्रयास किया जिसे निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है.

ग्रामीण समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिमाशा

एफ0 स्टुअर्ट चैपिन अपनी पुस्तक ‘Social Structure in Rural Society’ में ग्रामीण समाजशास्त्र को परिभाषित करते हुए लिखते है कि ग्रामीण जीवन का समाज शस्त्र ग्रामीण जनसंख्या, ग्रामीण सामाजिक संगठन और ग्रामीण समाज में कार्यरत सामाजिक प्रक्रियाओं का अध्ययन है स्टुअर्ट चैंपिन इस परिभाषा में तीन महत्वपूर्ण बातों का स्पष्ट करते है

  1. ग्रामीण सामाजिक संगठन- जिसमें गाँवों की संरचनात्मक एवं प्रकार्यात्मक अध्ययन पर जोर दिया गया है।
  2. ग्रामीण जनसंख्या जिसमे गाँवों के जनसंख्यात्मक आधार, स्त्री-पुरुष अनुपात, एवं जनसंख्या वितरण के अध्ययन पर जोर दिया गया है।
  1. सामाजिक प्रक्रियाएं जिसमें ग्रामीण जनसंख्या में पाई जाने वाली विशेष संगठनात्मक एवं विघटनात्मक सामाजिक प्रक्रियाओं के अध्ययन पर जोर दिया गया है जैसे सहयोग, अनुकूलन, प्रतिस्पर्द्धा आदि ।

टी० लीन स्मिथ अपनी पुस्तक The Sociology of Rural Life में लिखते ह ग्रामीण सामाजिक सम्बन्धों के व्यवस्थिति ज्ञान को ही हम सही अर्थों में ग्रामीण जीवन का समाज स्त्र कह सकते है

इस के अलावा स्मिथ अन्य स्थान पर लिखते है ग्रामीण समाजशास्त्र अथवा उत्तम रूप में ग्रामीण जीवन का समाज स्त्र ज्ञान की व्यवस्थित शाखा है जो ग्रामीण समाज, इसके संगठन और संरचना तथा इसकी प्रक्रिया में वैज्ञानिक विधि के परिणामस्वरूप पनपी है।’

जे०बी० चिताम्बर अपनी पुस्तक Introductory Rural Sociology’ में लिखा लिखा है कि ग्रामी समाज स्त्र को एक ऐसे वैज्ञानिक अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है.

जो ग्रामीण मानव का उन समूहों के संदर्भ में अध्ययन करता है, जिन समूहों के मध्य वह ग्रामीण मानव अन्तःक्रिया करता है।

डी० सेण्डरसन अपनी पुस्तक ‘Rural Sociology and Social Organization’ में लिखते है ग्रामीण समाजशास्त्र ग्रामीण पर्यावरण में निहित जीवन का समाज स्त्र है।

लोरी नेलसन ने अपनी पुस्तक ‘Rural Sociology’ में लिखते है ग्रामीण समाज स्त्री की विषय-सामग्री विभिन्न प्रकार के समूह जैसे वे ग्रामीण पर्यावरण में पाये जाते है, का विवेचन एवं वि” लेषण है।

डॉ० ए०आर० देसाई ने अपनी प्रतिष्ठित पुस्तकें Rural Sociology in India’ में ग्रामीण समाज स्त्र की परिभाषा न प्रस्तुत करके इसके उद्दे” यों के आधार पर स्पष्ट किया है.

  1. ग्रामीण समाज स्त्र ग्रामीण पर्यावरण में मानवीय सम्बन्धों का अध्ययन करता है।
  2. ग्रामीण समाज स्त्र के अन्तर्गत ग्रामीण समूहों, ग्रामीण सामाजिक प्रक्रियाओं एवं अन्तःक्रियाओं, ग्रामीण सामाजिक संरचना, एवं संगठन आदि का व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है।
  3. ग्रामीण समाज” स्त्री सम्पूर्ण ग्रामीण जीवन का ही विज्ञान है।
  4. यह केवल सैद्धान्तिक ज्ञान ही नहीं चरन ग्रामीण समस्याओं के निराकरण, ग्रामीण पुनर्निर्माण और उत्थान में व्यावहारिक योगदान देने वाला विज्ञान भी है।

ऊपर हमने ग्रामीण समाज स्त्र की कुछ विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाएं प्रस्तुत की है यदि हम इन परिभाषाओं का सारगर्भित वि लेषण करें तो हम देखेंगें कि ग्रामीण समाज ग्रामीण समाज का वैज्ञानिक अध्ययन करता है इसे हम और अधिक स्पष्ट करने के लिए निम्न बिन्दुओं में प्रस्तुत कर सकते हैं.

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 238
PDF साइज़50 MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

Alternate Download PDF 2

Related PDFs

Sociology PDF In Hindi

ग्रामीण समाजशास्त्र – Rise Of Rural Sociology PDF Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!