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शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 – Right To Education PDF Free Download
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act 2009 )
भारत में शिक्षा का अधिकार’ संविधान के अनुच्छेद 21A के अंतर्गत मूल अधिकार के रूप में उल्लिखित है।
2 दिसंबर, 2002 को संविधान में 86वाँ संशोधन किया गया था और इसके अनुच्छेद 21A के तहत शिक्षा को मौलिक अधिकार बना दिया गया।
इस मूल अधिकार के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2009 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right of Children to Free and Compulsory Education-RTE Act) बनाया गया।
इसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में सार्वभौमिक समावेशन को बढ़ावा देना तथा माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययन के नए अवसर सृजित करना है।
इसके तहत 6-14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे के लिये शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में अंगीकृत किया गया। शिक्षा किसी भी व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यदि हम बच्चों को सही शिक्षा दें तभी हम योग्य और कुशल मानव संसाधन का विकास कर सकेंगे।
शिक्षा वस्तुतः शोध और नवाचार का माहौल बनाने में देश की मदद करती है। शिक्षा देश के नागरिकों के व्यक्तित्व, आचरण और मूल्यों को निखारती है तथा उन्हें एक विश्व नागरिक बनने में मदद करती है।
यही कारण है कि सभी देश एक निश्चित अंतराल पर शिक्षा में सुधार करने का कठिन प्रयास करते हैं और अपनी शिक्षा नीति की समीक्षा करते हैं।.
भारत में बच्चों के भविष्य को सही राह दिखाने में समावेशी विकास को बढ़ावा देने हेतु यह आवश्यक है कि शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए और इसके लिये अन्य सुधारों के साथ-साथ उचित प्रशासन मानकों, सरकार द्वारा पर्याप्त प्रोत्साहन तथा चेक और बैलेंस की नीति अपनाने की ज़रूरत है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के महत्वपूर्ण बिंदु – Important Points of Right to Education Act 2009
- Right To Education Act 2009 के अंतर्गत देश में सरकारी स्कूल में 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और इन सब का प्रबंधन Schools Management Committees द्वारा किया जाएगा।
- इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में 6-14 वर्ष की उम्र वाले 25% गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करनी होगी। यदि उपर बताए गए रूल्स को कोई स्कूल फॉलो नहीं करने पर वसूली गयी फीस से 10 गुना अधिक जुर्माना तथा स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
- मान्यता रद्द होने के बाद भी स्कूल संचालित करने पर एक लाख रूपये तथा इसके बाद रोज़ाना दस हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। Right To Education Act के तहत देश के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की ज़िम्मेदारी केंद्र तथा राज्य के हाथों में होगी। हर स्कूल में लड़कों और लड़कियों के लिए स्वच्छ और अलग शौचालय होना चाहिए। स्कूलों को मुफ्त में पीने का पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
- बहुत बार देश में देखा गया है कि किसी कारण से बच्चे का एडमिशन नहीं हो पाता है लेकिन RTI Act की मदद से किसी बच्चे का एडमिशन नहीं हुआ है तो वो अपनी उम्र के अनुसार प्रवेश ले सकते है।
- Rti Act में विकलांग बच्चों का भी विशेष ध्यान दिया गया है इस एक्ट के तहत जो विकलांग बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की उम्र को 14 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गयी है|
- इस एक्ट में शिक्षकों का भी उल्लेख किया है। राइट टु एजुकेशन एक्ट अधिनियम के अनुसार कोई भी सरकारी शिक्षक स्कूल के अलावा अपना खुद का प्राइवेट ट्यूशन नहीं चला सकते है।
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 13 |
PDF साइज़ | 0.24MB |
Category | Education |
Source/Credits | drive.google.com |
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