रामकृष्ण परमहंस जीवनी – Ramakrishna Paramhansa Biography Hindi Pdf Free Download
रामकृष्ण परमहंस जीवन चरित्र
अपने पाश्चात्य पाठको फो मैं पहले ही सावभान कर देना चाहता है कि इस शैशवतीला का वर्णन करते समय में अपनी भाखोचनात्मक शक्ति का उपयोग न फलंगा ।
(बद्यपि मेरी समाजोपना-दृष्टि अवश्य ही हर समय नाधुत रहती है) कृष्ण के हाथ की बांसुरी के समान में केवल प्रचलित किम्बदन्ती फो ही शब्य ख्प दंगा।
यहाँ पर इसकी वास्तविक सत्यता के सम्बन्ध में व्यस्त होने की आवश्य कता नहीं है, अपितु जीवित मनोभावो की मानसगत सत्यता ही पर्याप्त है। देनेलोप के जाल को उपासना यहां सर्वया निरर्थक है
एक ददाष कला कार ने अपने चतुर हाथों से जो स्वप्न रवाना की है, उससे ही मैं अपने-आपको सम्बद्ध रखूगा। इस बारे में महान् मनीपी मंफ्समूलर ने एक दृष्टान्त स्थापित किया है ।
मैक्समूलर नही समालोचनात्मक पाश्णात्य विचारशैली के कट्टर व विश्वस्त अनुयायी ये, वहीं दूसरे प्रकार के विचारों के प्रति मी येसा ही आदर प्रदशित करने में।
उन्होंने त्रीरानकष्म के गीवन के बारे में पियेकानन्द के नुख से जो कुछ नी सुना था, हबह बही अपनी कीमती पुस्तक में लिपिवद्ध कार दिया है। उनका यह वि प्रयास था
उनके मकालीन ठरक्तियों ने जो सब घटनाएँ प्रत्यक्ष की है व अपने जीवन में अनुभव की हैं इतिहास को रचना में वे सब घटनाएं अपरिहार्य है। इस प्रणाली को उन्होने डायालीजिक व डायालेस्टिप (समापनारमक) नाम दिया है।
इस प्रणाली में विश्वास योग्य जीवित व्यक्तियों को साक्षी के द्वारा वास्तविकता का एक प्रकार से नियतन (.von) होता है । वास्तविकता का सास्त ज्ञान मान व दरिलो बार।
अनुण्ठित एक प्रकार का नियर्तन (41version) मात्र है । इसलिए बाट मात्र से अनुष्ठित वमस निवतन ही ास्तव है वाद में आ तामातोपना्मक नुति ॥
लेखक | रोमा रोला-Roma Rola |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 305 |
Pdf साइज़ | 12.1 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
रामकृष्ण परमहंस जीवनी – Ramakrishna Paramhansa Book/Pustak Pdf Free Download