करीन ए जिंदगी | Qarina e Zindagi PDF In Hindi

‘करीना ए जिंदगी किताब’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Qarina e Zindagi’ using the download button.

करीन ए जिंदगी – Karina e Zindagi PDF Free Download

करीना ए जिंदगी किताब

से है जैसे- औलाद अपनी बिरादरी के लोगों के चेहरे से मिलती जुलती पैदा होगी जिस की वजह से दूसरे लोग देखते ही पहचान लेंगे के येह सैय्यद है.

यह पठान है, बनैरा बगै बूसरा फायदा है के बिरादरी की गरीब लड़किये को जल्द से जल्द शादी हो जाएगी तीसरा फायदा यह है

अपनी ही बिरादरी की लड़की वोह क्योंकि बिरादरी के तौर तरीके, घर के रहेन सहेन के बारे में ले से ही जानती है

लिहाजा घर में झगड़े और न इलेफाकृयाँ नहीं होगी, चौथा फायदा यह है के बिरादरी की ऐसी लड़कियाँ जो देखने दिखाने में ज्यादा खूबसूरत नहीं होती उनकी भी शादी हो जाएगी

अक्सर देखा गया है के लोग दूसरों को बिरादरी की खूबसूरत लड़कियों को ब्याह कर लाते हैं जब के उन की बिरादरी की बद सूरत लड़कीयाँ कुँवारी ही रह जाती हैं

और बहुत सी लड़कियों की जब बहुत दिनों तक शादी नही हो पाती है तो वोह किसी बदमाश, आवारा, मर्द के साथ भाग जाती है या फिर तरह तरह की बुराईयों में फंस जाती है।

यही वजह के बिरादरी में ही शादी करना बेहतर बताया गया है हमारा यह सवाल उन लोगों से है जिन में गैरत का जा पहिल्या है,

जिन्हें दौलत से ज्यादा अल्लाह व रकू की बूसी प्यारी है। और रहे वोह लोग जो किसी दुनियावी लालच हुन र मामाल या फिर माल व दौलत से मुतास्सिर (lmpres) हो कर महावियों से रिश्ते बनाए हुए है का रिश्तेदारी करना चाहते हैं

उनके मुमल्लिक ज्यादा कुछ कहन फुल है योह अपनी इस हवस व लालच में जितनी दूर जाना चाहे चले जाए अब इस्लाम का कोई कानून शरीअत की कोई दुआ, कोई जन्जीर उनके इस उठे हुए कदम को नहीं रोक सकती ।

लेकिन हाँ । हाँ ! याद रहे वकीनन एक दिन अल्लाह और उस कें [रसूल को मुंह दिखाना है।

अक्सर हमारे कुछ कम अक्ल, न समझ सुन्नी मुसलमान जिन दोन कोम व ईमान की अहमियत मालूम नहीं होती वोह वहाबियों से आपस में रिश्ते जोड़ते हैं। कुछ बदनसीब सब कुछ जानने के बावजूद वहाबियों से आपस में रिश्ते करते है ।

कुछ सुन्नी हज़रात ख्याल करते है के बहावी अकीदे की लड़की अपने घर ब्याह कर ला लो फिर वोह हमारे माहोल में रह कर खुद व खुद सुन्नी हो जाएगी ।

अव्वल तो येह निकाह ही नहीं होता क्योंकि जिस वक्त निकाह हुआ आ वक्त लड़का सुन्नी और लड़की वहाबी अकीदे पर कायम थी, लिहाजा सिरे से ही यह निकाह ही नहीं हुआ।

सैकड़ों जगह तो येह देखा गया के किसी सुन्नी ने वहावी घराने में येह सोच कर रिश्ता किया के हम समझा बुझा कर अपने माहोल में रख कर उन्हें वहावो से सुन्नी बना देंगे लेकीन वोह समझा कर सुन्नी बना पाते इस से पहले ही उन बहावी रिश्तेदारों ने इन्हें हो कुछ ज्यादा समझा दिया और अपना हम ख्याल बना कर सुन्नी से वहाबी बना डाला (अल्लाह को यह सारी होशवारी घरी की धरी रह गई और दीन व दुनिया दोनों ही बरबाद हो

गये यह बात हमेशा याद रखिये एक ऐसे शख्स को समझाया जा सकता है जो वहाबियों के बारे में हकीकत से वाकिफ नहीं लकिन ऐसे शख्स को समझा पाना मुम्किन नहीं जो सब कुछ जानता और समझता है ओलमा-ए-देवबन्द ( वहाबियों) की हुजूरे अकरम सल्लल्लाहो अम्बिया-ए-किराम, बुजुर्गाने दीन की शाने अकदस में गुस्ताखियों को समझता है उन की किताबों में येह सब गुस्ताख़ाना बातों को पढ़ता है लेकिन इन सब के बावजूद येह ही कहता है के येह (बहाबी) तो बड़े लोग है, इन्हें बुरा नहीं कहना चाहिये। ऐसे लोगों को समझा पाना हमारे बस में नहीं ।

लेखक मौलाना फारूक रज़वी-Maulana Farooq Razvi
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 229
Pdf साइज़49.5 MB
Categoryधार्मिक(Religious)

करीन ए जिंदगी – Qareena e Zindagi Book/Pustak Pdf Free Download

1 thought on “करीन ए जिंदगी | Qarina e Zindagi PDF In Hindi”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!