प्राणायाम से आधी व्याधि निवारण – Pranayam Health Solution PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
प्राणायाम क्या है, उसका स्वरूप व विधि क्या है, इससे क्या लाभ होते हैं- इस संबंध में बहुत प्रकार के मत है, अनेकानेक আतियोँ हैं। कोई प्राणायाम को सिद्धि प्राप्ति का साधन बताता है तो कोई इसे मात्र रक्त शोधन की एक प्रक्रिया बताता है।
विज्ञान द्वारा प्रदत्त जानकारी यह बताती है कि ऋण आवेश वाले ऑक्सीजन के” अणुओं का बाल्य जगत से वायु कोषों के माध्यम से रक्त में प्रवेश वसन प्रक्रिया का एक अंग है! उसी माध्यम से विजातीय द्रव्य शाहर के जाते हैं,
परंतु प्राणायाम यह नहीं है, डीप ब्रीदिंग (गहरा श्वास-प्रश्वास लेने की प्रक्रिया) प्राणायाम है । प्राणायाम जानने से पूर्व प्राण’ शब्द को जानना होगा।
संस्कृत में प्राण शब्द की व्युत्पत्ति प्र उपसर्ग पूर्वक ‘अन्’ धातु से हुई मानी जाती है अन् धातु-जीवनी शक्ति चेतना वाचक है।
इस प्रकार ‘प्राण शब्द का अर्थ चेतना शक्ति होता है। प्राण और जीवन प्रायः एक ही अर्थ में प्रयुक्त होते हैं।
प्राणायाम शब्द के दो खंड है-एक प्राण’ दूसरा ‘आयाम है। प्राण का मोटा अर्थ है-जीवन तत्व और आयाम का अर्थ है-विस्तार। प्राण शब्द के साथ प्रायः वायु जोडा जाता है।
तब उसका अर्थ नाक द्वारा साँस लेकर फेफड़ों में फैलाना तथा उसके ऑक्सीजन अंश को रक्त के माध्यम से समस्त शरीर में पहुँचाना भी होता है। यह प्रक्रिया शरीर को जीवित रखती है। अन्न जल के बिना कुछ समय गुजारा हो सकता है,
पर सौंस के बिना तो दम धुटने से कुछ समय में ही जीवन का अंत हो जाता है। प्राण तत्व की महिमा जीवन धारण के लिए भी कम नहीं है । कम दृष्टि से प्राण का अर्थ ब्राड भर में संव्याप्त ऐसी ऊर्जा नड़ और चेतन दोनों का समन्वित रूप है।
लेखक | ब्रह्मवर्चस-Brahmvarchas |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 88 |
Pdf साइज़ | 3.8 MB |
Category | स्वास्थ्य(Health) |
प्राणायाम से आधी व्याधि निवारण – Pranayam Se Aadhi Vyadhi Niwaran Book/Pustak Pdf Free Download