मकसदे जिन्दगी | Maqsad e Zindagi PDF

मकसदे जिन्दगी – Maqsad e Zindagi Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

मोहतरम बुजुर्गों दोस्तो काम्याबी हर इलसान काम्यान होना चाहता है,

और अल्लाह भी चाहते है मेरे बंदे काम्यान होजाये इसलिये अत्मह ने दुन्या में कमोबेश सवालारव नबियों को भेजे ताके बंदो को काव्यान होने का रास्ता बतलायें कयूके कायेनात को अल्लाह ने बनाया और बनीइ चीज से कुछ बनता नहीं है.

इस की कामयाबी और नाकामी किस चीज है वोह बनाने वाला ही जानता है.इसीलिये गर्लूक की रेहनुमाइ के लिये हरदौर में अल्लाह ने को भेजा,

और किताबें भी दी, सब नबियों ने दुन्या में आकर ऐक ही दावत दी.के ऐक लाह को मानो और ऐक ही अल्लाह की मानो काम्यान

होजानो यानी इमान और आमाले सालेहा इरितियार कर लो काम्याव होजाओगे, अल्लाह जत्मने शानड इरशाद फरमाते हैं

जो लोग इमान लाये और आमाले सालेहा किये हम नको बालुत्क जिंद अता करेंगे (सूरे नहल स्कज १३) दूसरी जगह इरशाद है ‘जो शख्स हमारे डिक से हुकम से जेजराज करेगा

हम उनकी जिंदगी को तंग करदेंगे और कयामत में उसे अंधा उठागे (सूरे ता हा रुकूजन) इस से पता चलता है के जिस की जिंदगी में दीन होगा चाहे अरबाज हो या न हो

अल्लाह उसे दुनिया में भी काम्याव करेंगे और आरवेरत की लामेहन्द्रद जिंदगी में भी काम्याव करेंगे,

जैसे सहाबा रही को काम्याब किया और जिस की जिंदगी में दीन नहीं होगा अल्लाह उसे दुनिया में मी नाकाम करेगा और भारत में भी काम करेंगे.जेसे अबू जहल. अव लहा.केसर और किस्रा को नाकाम किया.दीन कहते हैं

अल्लाह को टुकमों को नवीके तरीको के मुताबिक पूरा करना सिर्फ अल्लाह की रझाके लिये दीन की मिपाल पानी के साथ दीगइ है.

के हरेकको प्यार लगेगी और सब को पानी की जरूरत पड़ेगी. इसीतरह हर ऐक इन्सान को दीन की जरूरत होगी,ये नहीं के घर में से एक आदमी

लेखक हाफिज सईद अहमद-Hafiz Saiyad Ahamad
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 162
Pdf साइज़32.3 MB
Categoryधार्मिक(Religious)

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