मानसिक चिकित्सा | Mental Health Book PDF In Hindi

मानसिक सारवार- Psychiatry Book Pdf Free Download

बाल मनोविज्ञान, नविन मनोविज्ञान

आप को औषधियों पर निर्भर कर देते हैं, इसी प्रकार प्राकृतिक चिकित्सा मैं विश्वास करनेवाले व्यक्ति अपने आप को किसी प्रकार के प्राकृतिक उपचार पर निर्भर कर देते हैं ।

तब तक रोग का कोई भौतिक उपचार न किव वाव प्राकृतिक चिकिता में विकास करने वाले व्यक्ति की भावना नहीं दोती कि. यह रोग से मुक्त होगा।

इसके कारण उसे रोग तथा तक पकडे रहता है जब तक कि उसका उचित भौतिक उपचार नहीं हो जाता है।मानसिक चिकित्सा का ध्येय शारीरिक और मानसिक रोगों का मानसिक उपचार करना है।

मानसिक चिकित्सा का प्रयोग करनेवाले व्यक्ति का विश्वा स होता है कि सभी मानसिक रोग मानसिक कारणों मानसिक चिकित्सा से उत्पन्न होते हैं और बहुत से शारीरिक रोगों का को विशेषता भी मानसिक कारण होता है।

कुछ शारीरिक रोग से होते हैं जिनका भौतिक कारण के अतिरिक्त मानसिक कारण भी होता है ।

किसी रोग में कहां तक मानसिक कारण है और कहां तक शारीरिक कारण है यह निशित करना चिकित्सक के अनुभव पर निर्भर करता है।

क्व रोग के मानसिक कारण को नष्ट कर दिया जाता है तो रोग, चाईे मानसिक हो अथत शारीरिक, नष्ट हो जाता है।

शारीरिक रोगों के मानसिक कारक के हट जाने पर स्वरय युति सेग को नष्ट कर देती है। मानसिक कारण रोग को स्थायी बनाये रखता है ।

मनुष्य के दहुत से रोग उसके शरीर में इसलिये बने रहते हैं कि उनका भीतरी भन उन रोगों हो छोड़ना नहीं चाहता।

मनुष्य को प्रकृति स्वयं खास्थ्य की ओर ले जाती है, किन्तु जब मनुष्य के मन में किसी प्रकार का विकार रहता है तो बह अपना सहन गर्य ठीक से नहीं कर पाती; अतपव मनुष्य रोगी यना रहता है।

मान सिक चिकित्सा का पेय मनुष्य के मानसिक विकार को नष्ट करना है ।

लेखक लालजीराम शुक्ल-Laljiram Shukla
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 445
Pdf साइज़58.9 MB
Categoryमनोवैज्ञानिक(Psychological)

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