स्वास्थ्य और योगासन | Health And Yoga PDF

योग और स्वास्थ्य – Yog And Healthy Life Book Pdf Free Download

शरीर के बारेमें

मांस ही उसे सुन्दर और सुडौल बना देता है । इसी के सहारे शरीर में मिझ भिन्न प्रकार की गतियाँ हुआ करती हैं । शरीर में मांस की गतियाँ दो प्रकार की हैं । (१) जो हमारी इच्छा के आधीन हैं यदि हम पैर हिलाना चाहें तो हिलाये न चाहे तो यन्द करदे ।

यह हुई इच्छाधीन मास-गति । (२) जो पूरी तरह स्वाधीन है, जिस पर हमारी इच्छा अनिच्छा का कोई प्रभाव नही पड़ता। जैसे हृदय की धड़कन । इस गति को हम वन्द भो करना चाहें तो नही हो सकती । यह हुई स्वाबीन माँस-गति । .

मॉस पेशियाँ-मांस के पंचम तन्तुओं से बनी होती हैं इन का एक सिरा हड्डी के एक सिरे पर, दूसरा दूसरों हड्डी के सिरे पर होता है। मास पेशियो का पोषण रक्त द्वारा होता है इसीलिये रक्त (खून) की तरह माँस को लाल रग का होता है ।

खून की रगें तीन तरह की होती हैं (१) जिनमें रंक का प्रवाह हृदय से अग प्रत्त्यद् की ओर होता है-वमनियाँ कहलाती हैं । (२) जिनमें खराब रक्त बहता और वह दूपित होने से नीला हो जाता है-शिखाएँ कहलाती हैं।

(३) जो बहुत सूचक धमनियों से सम्बन्धित होती हैं जिनके द्वारा धमनी से शुद्ध रक्त पहुँचता है केशिकाएँ कहलाती हैं ।रख-सचाक्षन का कार्य हृदय से होता है हृदय-शांति की वाई भर स्वन के नीचे होता है। हृदय में चार कोठरियाँ हैं।

जिनमे से बाई ओर की नीचे की कोठरी से शुद्ध रक्त धम नियो मे जाता है, धमनियों का अन्त केशिकाओं में होता है। केशिकाओं का अन्त शिराओं में होता है ।

शिराये अशुद्ध रक् को हृदय को ओर ले जाकर उस की दाहिनी ओर की ऊपर की कोठरी में खोलती हैं अब अशुद्ध रक्त दाहिनी ओर की नोचे की कोठरी से होकर कपड़े में जाता है ।

लेखक विद्याभास्कर सुकुल-Vidhyabhaskar Sukul
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 174
Pdf साइज़3.6 MB
Categoryस्वास्थ्य(Health)

स्वास्थ्य और योगासन – Swasthya Or Yogasan Book/Pustak Pdf Free Download

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