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राजस्थान के प्रमुख किले के नाम – Name List of The Forts Of Rajasthan PDF Free Download
राजस्थान के प्रमुख दुर्ग
चूरूका दुर्ग
. इसका निर्माण ठाकुर कुशाल सिंह ने किया था
• बीकानेर महाराजा सूरत सिंह के आक्रमण के समय ठाकुर शिव सिंह ने चांदी के गोले बरसाए थे
भैंसरोडगढ़
• इस दुर्ग का निर्माण भैंसाशाह और रोड़ा चारण ने करवाया था
• यह दुर्ग जल दुर्ग की श्रेणी में आता है
• भैसरोडगढ़ चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है • यह दुर्ग चंबल में बामणी नदी के संगम पर स्थित है इसे राजस्थान का वेल्लोर भी कहा जाता है
• कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार इस दुर्ग को व्यापारियों की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता था
मैगजीन किला
• इस किले का निर्माण अकबर ने करवाया था • यह किला अजमेर में स्थित है
• इस दुर्ग को अकबर का दौलतखाना भी कहा जाता है • दुर्ग का निर्माण 1571-72 में हुआ था
राजस्थान का एकमात्र इस्लामिक पद्धति से बना हुआ दुर्ग मैगजीन किला ही है • जहांगीर और टॉमस रो के मध्य मुलाकात 10 जनवरी 1616 में इसी दुर्ग में हुई थी
शेरगढ़
• यह दुर्ग बारा जिले में स्थित है।
• यह दुर्ग परवन नदी के किनारे पर स्थित है।
• इसका निर्माण नागवंशी नरेश ने करवाया था
• यह गिरी दुर्ग की श्रेणी में आता है • इस दुर्ग को कोसवर्धन दुर्ग भी कहा जाता है
• इस दुर्ग का नाम शेरशाह सूरी के नाम पर शेरगढ़ कर दिया गया चोमूहागढ़
• यह दुर्ग जयपुर में है और इस दुर्ग का निर्माण करण सिंह ने करवाया था
• इस दुर्ग को धाराधारगढ़ और रघुनाथगढ़ भी कहा जाता है।
चित्तौड़गढ़
• चित्तौड़गढ़ का निर्माण चित्रांगद मौर्य ने करवाया था यह दुर्ग गिरी दुर्ग की श्रेणी में आता है।
बीकानेर दुर्ग
• इस दुर्ग का निर्माण राय सिंह बीकानेरी ने करवाया था
• दुर्ग का निर्माण 1589 से 94 के मध्य हुआ। • बीकानेर दुर्ग का निर्माण मंत्री करमचंद की देखरेख में करवाया गया था
• इस दुर्ग के अन्य नाम जूनागढ़ और जमीन का जेवर है • यह दुर्ग मरुस्थल में स्थित है।
कीर्ति स्तंभ
• कीर्ति स्तंभ चितौड़गढ़ में स्थित है • इसकी कुल 9 मंजिलें हैं
• इसका निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था
• कीर्ति स्तंभ की ऊंचाई 122 फीट है
• इसमें कुल 157 सीढ़िया है
• इसका निर्माण कुंभा द्वारा मांडू नरेश महमूद खिलजी को सारंगपुर युद्ध 1437 की विजय स्मृति में करवाया गया
• इसे विजय स्तंभ विष्णु स्तंभ आदि नामों से जाना जाता है।
• इसे मूर्तियों का अजायबघर शब्दकोश विश्वकोश भी कहा जाता है.
• कर्नल जेम्स टॉड ने इसे कुतुब मीनार से भी उत्तम कहा है
• इस इमारत के वास्तुकार जैला नापा और पूजा थे
• कीर्ति स्तंभ राजस्थान पुलिस और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान का प्रतीक चिन्ह है
• इसकी तीसरी मंजिल पर 9 बार अरबी में अल्लाह अंकित है।
• नौवीं मंजिल पर कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति स्थित है।
नागौर दुर्ग
• इस दुर्ग का निर्माण सोमदेव चौहान के सामंत केमास ने किया था
• इस दुर्ग का प्राचीन नाम अहिछतरपुर था
• यह दुर्ग नगाना और नाग दुर्ग के नाम पर भी प्रसिद्ध है
• दुर्ग के बाहर से चलाई तोप के गोले महलों को क्षति पहुंचाए बिना ऊपर से निकल जाते थे.
गागरोन दुर्ग
• यह दुर्ग जल दुर्ग की श्रेणी में आता है।
• यह कालीसिंध को आह नदी के संगम पर स्थित है
• इसका निर्माण परमार नरेश बिजल देव ने करवाया था
• इस दुर्ग में पीपाजी की उतरी स्थित है और यहाँ मीठे शाह की दरगाह स्थित है।
कुंभलगढ़ दुर्ग
• इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुंभा ने किया था • दुर्ग का वास्तुकार मंडल था यह दुर्ग राजसमंद में स्थित है
• इस दुर्ग को गिरी दुर्ग की श्रेणी में रखा जाता है. • यह दुर्ग मत्स्येंद्र कुंभलगढ़ माहोर आदि नामों से जाना जाता है।
• इस दूर के बारे में अबुल फजल ने कहा था कि नीचे से ऊपर देखने पर सिर की पगड़ी नीचे गिर जाती है
• कुंभलगढ़ दुर्ग की परिधि 36 किलोमीटर लंबी है जिसे भारत की महान दीवार के नाम से जाना जाता है.
• इस दुर्ग में स्थित कटारगढ़ को मेवाड़ की तीसरी आंख कहा जाता है।
अजमेर
• इस दुर्ग का निर्माण अजयराज चौहान ने किया था
• यह दुर्ग गिरी दुर्ग की श्रेणी में आता है।
• हरविलास शारदा ने अजमेर दुर्ग को भारत का प्राचीनतम गिरी दुर्ग माना है। • इस दुर्ग को गढ़ बिठली और तारागढ़ नाम से भी जाना जाता है।
• विसप हेबर ने इसको पूर्व का जिब्राल्टर कहा है • इस दुर्ग में मीर साहब की दरगाह स्थित है और मीर साहब के घोड़े की मजार की स्थित है
सिवाना दुर्ग
• इस दुर्ग का निर्माण वीर नारायण पवार ने करवाया था
• यह गिरी दुर्ग की श्रेणी में आता है। • सिवाना दुर्ग बाड़मेर जिले में स्थित है
• अलाउद्दीन खिलजी ने 1308 में इस दुर्ग को जीतकर इसका नाम खेराबाद रख दिया था • इसे मारवाड़ की संकट कालीन राजधानी भी कहा जाता है
जोधपुर दुर्ग
जोधपुर दुर्ग का निर्माण राव जोधा ने किया था दुर्ग का निर्माण 1459 में किया गया दुर्ग की आकृति मयूर जैसी है
• यह दुर्ग चिडियाटूक पहाड़ी पर स्थित है।
• इस दुर्ग को मयूरध्वज गढ़ चितामणि, जोधाणा मेहरानगढ़ नामों से जाना जाता है
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 8 |
PDF साइज़ | 1 MB |
Category | Education |
Source/Credits | drive.google.com |
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