महाराणा प्रताप – Maharana Pratap Biography Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
कालभोज ने ही भारतवर्ष पर मुसलमानों के आक्रमण को रोका था। मुहम्मद पराजित हुआ और देश का शेष भाग मुसलमानों के हाथों पड़ने से बच गया। उस ने सन् ७५४ में अपनी राज्य सत्ता का परित्याग कर दिया ।
इसके पश्चात् बड़े बड़े वीर योद्धा इस के उत्तराधिकारी हुए ।
शहाबुद्दीन ने भारतवर्ष पर सन् ११६१ ई० में आक्रमण किया, तब सुमेरसिंह, चित्तौड़ के सिंहासन पर विराजमान थे ।
उन के विषय में कहा जाता है कि उस ने पृथ्वीराज की बहन से विवाह किया था । राजपूतों में प्रसिद्ध है कि सुमेरसिंह ने पृथ्वीराज की बड़ी सहायता की थी।
सुमेर सिंह के बाद आठवीं पीढ़ी में राणा रजसिंह हुए यह वही राणा हैं जिन्हों ने रानी पधिनी से विवाह किया था ।
रागा रत्नसिंह के इतिहास को दो घटनाओं ने बहुत रोचक बना दिया है। उन में से एक तो चितौड़ की पहली लूट है और दूसरी सेनापति भीमसेन का अलाउंस से कड़ा मुकाबला ।
महारानी पद्मिनी की वीरता के सम्बन्ध में कुछ अधिक कहने की आवश्यकता नहीं ।
इस ने उस प्रथा का सूत्रपात किया था जिसके अनुकरणा में राजपूत राजकुमारियां गुसल- मान विजेताओं के हाथ पड़ने के बजाय धधकरती हुई ज्वाला में कुद कर अपने पंचभौतिक शरीर को भस्मीभूत कर दिया करती थीं।
जिसे अब तक भी ‘जहर” के नाम से पुकारा जाता है।कालभोज ने ही भारतवर्ष पर मुसलमानों के आक्रमण को रोका था।
मुहम्मद पराजित हुआ और देश का शेष भाग मुसलमानों के हाथों पड़ने से बच गया। उस ने सन् ७५४ में अपनी राज्य सत्ता का परित्याग कर दिया ।
लेखक | श्री राम शर्मा-Shri Ram Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 146 |
Pdf साइज़ | 6.4 MB |
Category | आत्मकथा(Biography) |
महाराणा प्रताप – Maharana Pratap Book/Pustak Pdf Free Download