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आईटीआई प्रैक्टिकल बुक – ITI Fitter Practical Book PDF Free Download
आईटीआई प्रैक्टिकल बुक
कर्मचारी द्वारा उपयोग उपकरण, औज़ार, कपड़े जो पहने या उपयोग किये जाते है वही आखिरी सहारा है उनका खतरों से रक्षा हेतु कार्यस्थल पर मुख्य पहुँच सुरक्षा सम्बन्धी खतरों के विपरीत यह है कि कर्मचारी इन्जिनियरिंग प्रणाली नियंत्रित या निकल सके खतरों से न कि कर्मचारी को व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण द्वारा बचाने की चेष्टा करें (PPEs) | इन्जिनियरिंग प्रणाली में प्रारूप का बदलाव, प्रतिस्थापन, वायुसंचार, मेकेनिकल व्यवस्था, यंत्रमानव आदि आते है ।
यदि किसी अवस्था में यह संभव नहीं है कि हम मुख्य इन्जिनियरिंग प्रणाली का परिचय कर सके खतरों को नियंत्रित करने हेतु तो कर्मचारी (PPE) प्रकारों का समुचित प्रयोग कर सकता है ।
बदलते समय के साथ कार्यस्थल में आधुनिकीकरण करना, सरकारी और पक्ष समर्थन समूहों न कई सुरक्षा मान्य बनाये है कार्य वातावरण के अनुसार ।
कारखाने अधिनियम, 1948 और कर्मचारी कानून 1996 ने प्रभावकारी प्रावधान बनाये है जिससे PPE प्रकार का सही उपयोग हो । क्योंकि PPE का उपयोग बहुत आवश्यक है ।
कार्यस्थल पर व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण के प्रयोग करने के तरीके को सुनिश्चित करना (Ways to ensure workplace safety and use personal protective equipment (PPE) effectively) कर्मचारी सुरक्षा सम्बधी सभी जानकारी नियामक संस्था को दे जिससे मुख्य स्थानों पर निरीक्षण कर सके ।
संसाधन में उपलब्ध सभी पाठों का उपयोग कार्यक्षेत्र में करें और उचित सुरक्षा जानकारी हेतु PPE का सही उपयोग कैसे करें इसकी जानकारी ले ।
जब यह साधारण प्रकार के व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण जैसे चश्म, दस्ताना या बॉडीसूट ये सामग्री कम प्रभावी होती हैं जिसे सभी समय नहीं पहना जा सकता या खतरे के समय कार्य स्थल में।
PPE का निरंतर उपयोग सहायता करता है कुछ साधारण औद्योगिक दुर्घटना से बचने में ।
प्रशिक्षण पद्धति द्वारा छात्रों को प्रशासन द्वारा बिमारी व हानिकारक स्थिति से बचने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।
घबराये नहीं (Not to get panic)
घबराहट एक ऐसी भावना है जो स्थिति को अधिक खराब कर सकती / देती है। प्रायः लोग गलती कर बैठते है क्योंकि वे घबरा जाते है। अज्ञानता व गलती घबराहट का ही परिणाम होती है।
प्राथमिक उपचार कर्ता को शांत व स्थिर दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। यदि प्राथमिक उपचार कर्ता को शांत व स्थिर दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
यदि प्राथमिक उपचार कर्ता घबराये व डरने लगे तो परिणाम स्वरुप वह गलती कर बैठेगा जो कि नुकसानदायक होगा। ऐसे लोगो को पीडित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए।
घबरायें हुए व्यक्ति आकस्मिक परिस्थिति में, वे जानते है कि क्या करना चाहिए या क्या कर रहे है। ट्रेनिग संस्थानों को इस पर ध्यान देना चाहिए। आत्मविश्वास से जल्द व सही दृष्टिकोण द्वारा हानि या नुकसान को कम किया जा सकता है।
आपातकाल चिकित्सक को बुलाना (Call medical emergenies)
यदि परिस्थिति की मांग हो तो चिकित्सक प्रतिनिधि को शीघ्रता से बुला लेना चाहिए।
जीवनरक्षक माहौल बनाना (Surrounding play vital role) अलग- अलग माहौल में अलग- अलग दृष्टिकोण बनाने की आवश्यकता होती है । प्राथमिक चिकित्सक को सही माहौल की जानकारी होना आवश्यक है। या इन्हें पता हो कि जिस बातावरण में हम कार्य कर रहे है उससे कोई खतरा तो नहीं जिससे प्राथमिक चिकित्सक के लिए स्वयं ही खतरा न बढ़ जाये।
Language | Hindi |
No. of Pages | 294 |
PDF Size | 2 MB |
Category | Education |
Source/Credits | bharatskills.gov.in |
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