इस्लामिक तंत्र | Islamic Tantra PDF In Arabic

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इस्लामिक तंत्र – Islamic Tantra PDF Free Download

“कुफ्त’ के मन्त्र

issu.cr इस्लामी मन्त्रों में प्रसिद्ध है। इन पलों का अलग-अलग सामूहिक रूप से साधन करने से विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पलों के मन्त्र निम्नानुसार है

पहला कुफ़्ल

“बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम बिस्मिल्लाहिस्स सीइस सीरि लाजी लैसा कमिस्लेही शयनवा बिकुल्ले शयइन हकीम विरहमते काया अर हमराहिमीन सल्लिल्ला हो अला-मुहम्मदिन व अला आलेही व असहाविही अजमईन ।

“बिस्मिल्लाहिर्रहमानिरीहीम चिस्मिहिल खालेकिल अली मिल्लजी लेसा कमिस्नेही शयन व दुबल फचाहुल अलीम विरहमका या अरहमराहिमीन ।”

तीसरा कृपल

“बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीय विस्मिल्लाहिस्सामीइल अली | मिल्लजी लेसा कमिस्लेही शयन डूबलगनी इलकदीरो विरह | मका या अरहमराहिमीन ”

चौथा कुफ्ल

“बिस्मिल्लाहिर हमानिर्रहीम बिस्मिल्लाहिस्समीइल अली मिल्लजी लेस कमिस्लेही शयन व हुबल अजीजुल करीम विरम तेका या अरहमराहिमीन “

” या गुल अलाल बल इकराम “

साधन-विधि–उक्त मन्त्रों की साधन-विधि इस प्रकार है | किसो स्वच्छ स्थान में एक नया चिराग उसमें शुद्ध अग्रवा कोई सुगन्धित तेल भरकर जलायें।

फिर इमाम हुसुन तथा इमान इनका आह्वान करें और दीपक के आगे फूल, इस और मिठाई बढ़ाकर लोबान की नीदें। इसके बाद मन्त्र को १०० को संख्या में ज़ये ।

मन्य-जप के आरम्भ में एक बार बिस्मिल्लाह तथा तीन बार अवश्य पढ़े तथा मन्त्र के अन्त में भी ३ बार पढ़नी चाहिए। उस प्रकार से ७ दिन तक जप करने से प्रयोग पूरा होता है।

मन्त्र साधन काल में दिन में सिर्फ एक बार हल्का भोजन करना चाहिए. पृथ्वी पर सोना चाहिए तथा ब्रह्मचर्य का पूरी तरह पालन करना चाहिए

इस प्रकार जिस इच्छा को लेकर इन मन्त्रों का साधन किया जाता है, यह पूरी होती है। अगदिनों में उस दिन से सम्बन्धित मन्त्र का ही जप करना चाहिए।

Author
Language Hindi
No. of Pages127
PDF Size56 MB
CategoryReligious

Hisnul Muslim PDF

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