अशोक का इतिहास | History Of Samrat Ashok PDF In Hindi

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सम्राट अशोक की जीवन परिचय – Biography Of Emperor Ashoka PDF Free Download

अशोक का इतिहास

● पूरा नाम Samrat Ashok full name– देवनांप्रियं चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान।
● अन्य नाम/उपाधियां Samrat Ashok other names – देवनांप्रियं, प्रियदर्शी, मगध का राजा, अशोक मौर्य,अशोकवर्धन और अशोक महान।
● सम्राट अशोक का जन्म Samrat Ashok birth year– 273 ईसा पूर्व।
● सम्राट अशोक का जन्म स्थान Samrat Ashok birth place– पाटलिपुत्र, पटना (बिहार).
● सम्राट अशोक का राज्याभिषेक– 270 ईo पूo.
● सम्राट अशोक की मृत्यु Samrat Ashok died– 232 ईसा पूर्व।
● सम्राट अशोक का मृत्यु स्थान– पाटलिपुत्र, पटना (बिहार).
● सम्राट अशोक के पिता का नाम fathers name of Samrat Ashok– राजा बिंदुसार मौर्य।
● सम्राट अशोक की माता का नाम mothers name of Samrat Ashok– सुभद्रांगी (धर्मा).
● सम्राट अशोक की पत्नी का नाम Samrat Ashok wifes name– पद्मावती, करूवाकी, तिष्यारक्षा और देवी नामक चार पत्नियां थी।
● सम्राट अशोक की संताने Samrat Ashok childrens– महेंद्र मौर्य, , तीवल मौर्य और कुणाल मौर्य नामक 3पुत्र और चारुमती एवम संघमित्रा 2 पुत्रीयां थी।
● सम्राट अशोक की समाधि– पाटलिपुत्र, पटना।
● सम्राट अशोक की शासन अवधि– 269 ईo पूo से 232 ईo पूo तक।
● पूर्ववर्ती राजा– राजा बिंदुसार मौर्य।
● उत्तरवर्ती राजा– दशरथ मौर्य।

बौद्ध धर्म में भगवान बुद्ध के बाद सम्राट अशोक (Samrat Ashok) का नाम आता है।

चक्रवर्ती सम्राट अशोक रानी धर्मा और बिंदुसार के पुत्र थे। श्रीलंका की परंपरा में बिंदुसार का जो वर्णन किया है उसमें उसकी 16 पटरानियों और 101 पुत्रों का उल्लेख मिलता है।

लेकिन इतिहास को खंगालने पर राजा बिंदुसार के सिर्फ तीन पुत्रों के नाम सामने आते हैं जिनमें सुसीम जो कि सबसे बड़ा था उसके बाद अशोक और तिष्य का नाम आता है।

एक पौराणिक कहानी के अनुसार एक दिन रानी धर्मा को सपना आया कि उसका पुत्र आगे चलकर एक विशाल साम्राज्य का बहुत बड़ा सम्राट बनेगा, उसके बाद राजा बिंदुसार से उनकी शादी हो गई। रानी धर्मा क्षत्रिय कुल से नहीं थी।

चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान (Samrat Ashok) बचपन से ही सैन्य गतिविधियों में भाग लेते रहते थे और बचपन में ही निपुणता हासिल कर ली थी।

आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व अशोक द्वारा खुदवाया गया चिह्न, जिसे अशोक चिह्न के नाम से जाना जाता है आज भारत का राष्ट्री य चिन्ह है। अशोक चिन्ह भारत के तिरंगे के मध्य में शोभायमान हैं।

सम्राट अशोक का साम्राज्य कहां से कहां तक फैला हुआ था

सम्राट अशोक (Samrat Ashok) को ऐसे ही महान नहीं कहा जाता है, उनका साम्राज्य उत्तर में हिंदूकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक फैला हुआ था।
पूर्व दिशा में बांग्लादेश से लेकर पश्चिम दिशा में अफगानिस्तान ईरान तक फैला हुआ था।

अगर वर्तमान परिदृश्य में सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के साम्राज्य की सीमाओं की बात की जाए तो इसमें संपूर्ण भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश का अधिकांश हिस्सा शामिल था।

जब भी विश्व के शक्तिशाली और महान राजाओं की बात की जाती है तो मौर्य साम्राज्य के तृतीय राजा सम्राट अशोक (Chakravarti Samrat Ashok) का नाम पहली पंक्ति में आता है।

सम्राटों के सम्राट चक्रवर्ती सम्राट अशोक भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट थे।
सम्राट अशोक द्वारा साम्राज्य विस्तार उस समय तक्षशिला में यूनानी और भारतीय लोगों की जनसंख्या ज्यादा थी।

सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के बड़े भाई सुसीम उस समय तक्षशिला का प्रांतपाल था। सुसीम प्रशासनिक कार्यों में कुशल नहीं था। साथ ही अलग-अलग धर्मों के लोग रहने की वजह से वहां पर एक बहुत बड़ा विद्रोह खड़ा हो गया।

जब राजा बिंदुसार को लगा कि विद्रोह को दबाना सुसीम के बस का रोग नहीं है तो उन्होंनेन्हों चक्रवर्ती सम्राट अशोक को विद्रोह को दबाने के लिए तक्षशिला भेजा।

इस समय तक सम्राट अशोक (Samrat Ashok) बहुत नाम कमा चुके थे उनकी युद्ध कौशल लेता और महानता से करीब करीब सभी लोग परिचित थे और यही वजह रही कि तक्षशिला पहुंचने से पहले ही विद्रोहियों ने विद्रोह को खत्म कर दिया।

यह बिना युद्ध के खत्म होने वाला पहला विद्रोह था। सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के बढ़ते प्रभाव से उसका बड़ा भाई सुसीम घबरा गया क्योंकिक्यों उसे लगने लग गया था कि सम्राट अशोक की प्रसिद्धि इसी तरह बढ़ती रही तो वह कभी मौर्य साम्राज्य का सम्राट नहीं बन पाएगा, इसीलिए उन्होंनेन्हों पिता बिंदुसार से आग्रह किया और सम्राट अशोक को कलिंग भेज दिया गया।

कहते हैं कि कलिंग जाने के पश्चात वहां के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की पुत्री मत्स्यकुमारी कौर्वकी से सम्राट अशोक (Chakravarti Samrat Ashok) को प्रेम हो गया और धीरे-धीरे यह प्रेम विवाह में तब्दील हो गया।

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भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 9
PDF साइज़2.5MB
CategoryHistory
Source/Creditsdrive.google.com

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