हिन्दू बनाम हिन्दू – Hindu Banam Hindu Book PDF Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
घरापर यने रहने या सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार से भी उनके लिये खतरा पैदा हो जाता है। ऐसी हालत है, यह घर छोड़ कर जाने बालों की बड़ी संख्या से जाहिर है।
दोनों राज्यों में करीब दो करोड़ लोग बेपरवार हुए हैं इतनी बड़ी संख्या में शर मानवी सभ्यता के इतिहास में कम ही हुए हैं ।
वैटवारे के फौरन बाद करीब डेढ़ करोड़ लोग बेघरवार हुए जिनमें एक ओर हिन्दू-सिखों और दूसरी ओर मुसलमानों की संख्या लगभग व- गरार तो।
छः लाख मरने वालों में भी अनुपात करीब २ वराथर था लेकिन दूसरी बार लोगों को निकालने का जो सिलसिला शुरू हुआ, और जो अब भी चल रहा है, उसमें ४० लाख हिन्दू ये घरबार हुए हैं और दस लाख मुसलमान ।
असली हालत किस हद तक असहनीय थी, और किस हद तक आने वाले संकट का डर या, इसे अलग अलग बताना मुश्किल है। इसे भागने वालों की बुजदिलो कहना, सभ्यता पर लगे उस ग्रहण पर एक भद्दा मजाक जो हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के लोगों पर आ गया है।
लोगों का इस तरह निकलना अल्पसंख्यकों के बारे में हुए समते के खिलाफ तो नहीं है, और इस कारण इसे युद्ध नही कहा जा सकता, लेकिन इससे कम से कम आंशिक असफलता प्रकट होती है।
समझौते की प्रशंसा में मुली स्तुतियों गाने से असलियत नहीं छिप सकती कि इसी रफ्तार से लोग आते रहे तो पाकिस्तान अल्पसंख्यकों से खाली हो जायगा ।
समझा जाता या कि माने जाने के मौजूदा साधनों से पूर्वी पाकिस्तान के एक करो पीस लाख हिन्दुओं को हिन्दुस्तान आने में १० साल से कम नहीं लगेंगे।
लेकिन मौजूदा साल के आर महीनों में हो १० लाख लोग आ चुके । जाहिर कि सामूहिक कोश ऑफलों की परवाह नहीं फरता।
लेखक | राममनोहर लोहिया-Rammanohar Lohiya |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 88 |
Pdf साइज़ | 2.8 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
हिन्दू बनाम हिन्दू – Hindu Banam Hindu Book/Pustak Pdf Free Download