हिंदी शब्दकोश – Hindi Dictionary Book/Pustak PDF Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
विश्व के देशों में हिंदी भाषा का शिक्षण औपचारिक एवं अनौपचारिक स्तर पर चल रहा है। भारत के बाहर तैंतीस देशों में हिंदी विश्वविद्यालयीन स्तर पर पढ़ाई जा रही है।
हिंदी का महत्व इतना बढ़ गया है कि विभिन्न देशों के नागरिक भारत व अपनी सरकारों द्वारा प्रदत्त छात्रवृत्ति पर हिंदी पढ़ने के लिये भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में आ रहे हैं।
कंप्यूटर तथा इंटरनेट के क्षेत्र में इंग्लिश के वर्चस्व को भी अपनी हिंदी चुनौती दे रही है। आज इसके बोलने वालों और पढ़ने-लिखने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
बढ़ते भारतीय बाज़ार के कारण वैश्विक धरातल पर हिंदी का महत्व एवं प्रचार-प्रसार बढ़ा है। विदेशी इस लिये भी हिंदी में अधिक रुचि ले रहे हैं कि हिंदी उन्हें इस बाज़ार में घुसपैठ के अवसर प्रदान करने में सक्षम है।
हिंदी का अध्ययन करने वाले ऐसे विदेशी अध्येताओं के लिए अच्छे शब्दकोशों की बहुत अधिक आवश्यकता है।
हिंदी में कोशों की परंपरा 19वीं शताब्दी से आरंभ हो गई थी। 20वीं शताब्दी के अंत तक कई शब्दकोश बाज़ार में आ गए। कई कमियाँ होते हुए भी डॉ. कामिल बुल्के का अंग्रेज़ी-हिंदी कोश अच्छा माना जाता है।
संप्रति कोश विज्ञान और कोश निर्माण विज्ञान बहुत विकसित हो चुके हैं। वैज्ञानिकता की कसौटी पर हिंदी का एकाध कोश ही शत-प्रतिशत खरा उतरेगा।
भारत में मानक हिंदी के जो मौखिक रूप हैं. अब तक प्रकाशित कोश इन सबका प्रतिनिधित्व नहीं कर पाते। इससे विदेशियों को हिंदी का ज्ञान होते हुए भी हिंदी का वार्तालाप समझ में नहीं आ पाता। रणम्वरूप आप मेरे घर मंडे को आइएं। रूस, जापान, चीन आदि देशों में जिन्होंने हिंदी सीखी है, वे
सोमवार से तो परिचित हैं लेकिन मंडे से नहीं। इसका निदान एक ही है। हिंदी में ऐसे शब्दकोश बनाए जाएँ जो उन शब्दों को भी समेटें, जो मौखिक रूप में तो बहुत प्रचलित हैं, पर लिखित साहित्य में बहुत ही कम इस्तेमाल होते हैं। यह शब्दकोश इस कमी को अवश्य पूरा करेगा।
|| अभी तक हिंदी में जितने भी शब्दकोश हैं, वे वर्णक्रम में नहीं हैं। यह कथन आश्चर्यचकित अवश्य करता है। लेकिन हिंदी समाज को यह चिंतित इसलिए नहीं करता, क्योंकि हिंदी समाज बहुत कम हिंदी शब्दकोशों का प्रयोग करता है।
इंग्लिश शब्दकोश तो हर शिक्षित परिवार में मिल जाएगा, लेकिन कई हिंदी अध्यापकों के घर में भी हिंदी शब्दकोश नहीं मिलेगा।
एक सर्वेक्षण से पता चला है कि कई हिंदी प्रोफ़ेसर यह बताने में असमर्थ रहे कि हिंदी का ‘ज्ञान’ शब्द ‘ज’ वर्ण में मिलेगा।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति विभूति नारायण राय का यह स्वप्न था कि ऑक्सफ़ोर्ड या कैंब्रिज डिक्शनरी के समान हिंदी में भी कोश बने, जो हर दो साल के बाद अद्यतन होता जाए।
पूर्णतया स्वस्थ न होने पर भी उनके आग्रह के कारण मैं इस कार्य में पूरी तरह मिशन के रूप में जुड़ गया। इस तरह के नए काम में समस्याएँ आना स्वाभाविक हैं।
समय सीमा तथा अन्य कारणों से मैं एक आदर्श कोश तो नहीं बना सका। लेकिन यह मैं विश्वास से कह सकता हूँ कि यह कुछ मामलों में भावी कोशकारों के लिए एक मॉडल अवश्य सिद्ध होगा।
साथ ही, यहाँ कुछ निर्देश भी दिए गए हैं, जो कोशकारों के लिए मील का पत्थर सिद्ध होंगे। विश्वास है कि इस कोश का अगला संस्करण दोषमुक्त होगा।
लेखक | E. J. Lazarus |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 319 |
Pdf साइज़ | 16.3 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश – The Student’s Hindi-English Dictionary Book/Pustak PDF Free Download