हिंदी की संक्षेप लेख प्रणाली – Hindi Shorthand Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
बनाने वाले की योग्पता पर प्रविम्यास बरने के लिए काफी हो जाता है। पर यह समझ लेना भूल है।
यह विचा भी एक निमने की भाषा के समान है किसी भाषा को पहले जितना धौरे २ तथा बनाकर लिखा जाय उसमा ही उसमें, अभ्यास हो जाने पर, शुन्दर अक्षरों में तेज़ी से लिखा जा सकता है।
इस लिये रेखासर के सीखने वालों को पहले बहुत धीरे लिपना चाहिये और कोशिश इस पास की करनी चाहिये कि अत्तर अच्छे पर्ने। अथ पूरा अभ्यास हो जायगा और हिन्दो के शबदी का रेखादारीं में पूरा परिचय दो जायगा
तो गति अपने आप बढ़ जाएगी पर उस समय भी हाथ को दौड़ाने की उतनी ही आवश्यकता पड़ेगी जितनी और भाषाओं को जल्दी लिखते समय पड़ती है।अय यद प्रश्न उठ साता कि जय इसके लिखने में हाथ की गति के अधिक पढ़ाने की आावश्यकता नहीं
पड़ती तो गति कैसे इतनी अधिक हो जा सकती है इसका कारण हाथ की गति नहीं, रेखाक्षर की सुगमता है। पदिसे तो इसके अक्षर पटूत सुगम है, दूसरे अंकुश और वृत्त इत्यादि लगाकर एक चिन्ह से दो या तीन घर का काम लिया जाता है।
तर जितनी देर में हिन्दी का एक शब्द लिखा जाता है उसके पपाई से भी बहुत कम समय में रेखाषर में धह सिख लिया जा सकता है।
इस लिये सीखने वालों को पहले पल कसम से घोरे धीरे लिखने का प्रयास करना चाहिये और जय तक १० शब्द प्रति मिनट की गति न हो जाय पेरिसक्त का बहुत प.म प्रयोग करना चाहिये ।
कागज यलदार और रूच्छे मेलका ।। निय मून र सचेदार दोनो चारदिपे कागद़ इत्यादि पर यारा देखने वाले का लेख गन्दा होता है पढ़ने में देर लगती
लेखक | निष्कामेश्वर मिश्रा-Nishkameshvar Mishra |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 118 |
Pdf साइज़ | 1.2 MB |
Category | विषय(Subject) |
हिंदी शॉर्टहैंड – Hindi stenography Book/Pustak Pdf Free Download
Stanography book in hindi