श्री ब्रह्माक्षर प्रकाश | Shorthand Writing PDF In Hindi

‘ब्रह्माक्षर प्रकाश’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Shorthand Writing’ using the download button.

श्री ब्रह्माक्षर प्रकाश – The Hindi Shorthand Manual Pdf Free Download

ब्रह्माक्षर प्रकाश

(१) रूलदार चिकने काग़ज़ के ऊपर लेखनी से अभ्यास करना चाहिये निब पृट और लोचदार होना चाहिये।

(३) यद्यपि प्रारम्भ में कोई बात छोटी ही क्यों न जान पड़े परन्तु तो भी नियमों का पूरी रीति पर पालन करना चाहिये। विद्यार्थी को आ रम्भ में गति बढ़ाने का प्रयत्न न करना चाहिये किन्तु अक्षरों को सँ भाल २ कर लिखना उचित है ।

(३) मोटे, पतले, छोटे, बड़े, सौधे, टेढे, रेखाक्षरों का बड़ी साव | धानी से अभ्यास करना चाहिये ।

(४) रेखाक्षरों का नाम लगभग ६ इंच के होना चाहिये। (५) प्रति दिवस कोई विशेष समय नियन करके नियम से अभ्यास करना चाहिये क्योंकि इस विद्या की सफलता केवल अभ्यास ही पर निर्भर है।

(६) प्रत्येक अभ्यास के आरम्भ में जो नियम दिये गये हैं उनको | पहिले भली भाँति समझ कर अभ्यास प्रारम्भ करना चाहिये और अभ्यास हो जाने पर किसी से बुलवाकर भुन-लेख (डिक्टेशन) लिखना चाहिये।

((९) रूलदार चिकने काग़ज़ के ऊपर लेखनी से सम्यास करना- चाहिये निब पुष्ट और लोचदार होना चाहिये ॥

(२) यद्यपि प्रारम्भ में कोई बात छोटी ही क्यों न जान पड़े परन्तु तौ भी नियमों का पूरी रीति पर पालन करना चाहिये। विद्यार्थी को प्रा- रम्भ में गति बढ़ाने का प्रयत्न न करना चाहिये किन्तु अक्षरों को सँ- भाल २ कर लिखना उचित है ॥

(३) मोटे, पतले, छोटे, बड़े, सीधे, टेढे, रेखाक्षरों का बड़ी साव- धानी से अभ्यास करना चाहिये ॥

| (४) रेखाक्षरों का नाप लगभग हूँ इंच के होना चाहिये ।। १५) प्रति दिवस कोई विशेष समय नियत करके नियम से अभ्यास करना चाहिये क्योंकि इस विद्या की सफलता केवल अभ्यास ही पर निर्भर है ॥

| (६) मत्येक अभ्यास के आरम्भ में जो नियम दिये गये हैं उनको | पहिले भली भाँति समझ कर अभ्यास मारम्भ करना चाहिये और >अभ्यास हो जाने पर किसी से बुलवाकर भुन लेख (डिक्टेशन )लिखना चाहिये ।

(७) इस प्रणाली में ध्वनि के सूक्ष्म भेदों की और ध्यान नहीं दिया | जाता है।

जो शब्द जिस प्रकार सुना जाय और रेखाक्षरों में जो उसका सब से सुगम रूप होसके उसी को सुगमता से उसी भांति लिखकर पढ़ते समय अथवा हिन्दी लिपि में लाते समय शुद्ध शब्द लिख देना चाहिये।

हिन्दी की लिखावट का ध्यान करके रेखाक्षर लिखने की

लेखक राधेलाल त्रिवेदी-Radhelal Trivedi
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 114
Pdf साइज़14.9 MB
Categoryसाहित्य(Literature)

Related PDFs

Hindi Shorthand Book PDF

श्री ब्रह्माक्षर प्रकाश – Hindi Shorthand Manual Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!