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स्पेशल हनुमान भजन – Hanuman Bhajan PDF Free Download
हनुमान जी के भजन
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है भजन
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते है |
हो जाते है जिसके अपने पराये
हनुमान उसको कंठ लगाये,
जब रूठ जाये संसार सारा
बजरंग बलि तब देते सहारा ,
अपने भक्तो का बजरंगी मान करते है
संकट हरने वाले को हनुमान कहते है|
दुनिया में काम कोई ऐसा नहीं है
हनुमानजी के जो बस में नहीं है,
जो चीज मांगो पल में मिलेगी
झोली ये खाली खुशियों से भरेगी ,
सच्चे मन से जो भी इनका ध्यान करते है
संकट हरने वाले को हनुमान कहते है |
कट जाये संकट इनकी शरण में
बैठ के देखो बजरंग के चरण में ,
भक्त की बातो को झूठ मत मानो
फिर ना फसोंगे तुम जीवन मरण में ,
इनके सिने में सदा सियाराम रहते है
संकट हरने वाले को हनुमान कहते है |
हनुमान तुम्हारा क्या कहना भजन
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना
1 सीता की खोज करी तुमने, तुम सात समुन्दर पार गये।
लंका को -किया शमशान प्रभु, बलवान तुम्हारा क्या कहना।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना
2 जब लखन लाल को शक्ति लगी तुम घोलगिर पर्वत लाये,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के तब प्राण तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना
3 तुम भक्त शिरोमनी हो जग मे तुम वीर शिरोमनी हो जग मे,
तेरे रोम रोम मे बसते हैं सिया राम तुम्हारा क्या कहना
कैसे आयेंगे हनुमान हमने दिल नही बुलाया भजन
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान
हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान
लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान
हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान
पवन पुत्र है पवन वेग से
इधर उधर वो रमते है
अंजनी लाल की लीला अपरम
राम राम बस जपते है
हमने श्रद्धा नही जगायी
कैसे आएंगे हनुमान
लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान
हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान
मैया सीता के है दुलारे
जग में पूजे जाते है
संकट मोचक नाम है उनका
हर दिल को वोह भाते है
हमने मन में नही बसाया
कैसे आयंगे हनुमान
लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान
हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान
लाल रोर के लाल रंग से
रंगे हमेशा रहते है
श्रद्धा के प्यासे हनुमत है
गदा साथ ले चलते है
अपना आंगन नही सजाया
कहाँ बैठेंगे हनुमान
लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान
हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान
कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 19 |
PDF साइज़ | 2 MB |
Category | Religious |
Source/Credits | onlinegyani.com |
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