व्यक्ति के चरित्र निर्माण की किताब – Character Development Book PDF Free Download

व्यक्ति के चारित्र का निर्माण कैसे करे
३-ग्राहक-संख्या या पुराना ग्राहक न लिखनेसे आपका नाम नये ग्राहकोमं छिख जायगा, जिसखे आपकी सेवामें ‘चरित्र-निर्मोणाङ्क’ नयी ग्राहक-संख्याके क्रमसे पहुँचेगा और पुरानी
ग्राहक-संख्याके क्रमसे इसकी बी० पी० भी जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि उथरसे आप मनीआर्डवद्वारा रपये भेजे और उनके यहाँ पहुँचने के पहले दी उधर से बी० पी० भी चली जाय ।
पेसी स्थितमें आपसे प्रार्थना है कि आप वी० पी० लौटायें नहीं, रुपया प्रयत्न करके किन्हीं अन्य सज्जनको नया ग्राहक बनाकर उन्हींको बी० पी०से गये ‘कल्याण के अंडे दे दें और उनका
नाम-पता-साफ लिखफर हमारे कार्यालयको भेजनेका अनुग्रह करें । आपके इस कृपापूर्ण सहयोगसे आपका “कल्याण व्यर्थ डाक-व्ययकी दानिसे बच जायगा और आप कल्याण के पायन प्रचारमें सहायक बनेंगे।
४-विशेषाइ-चरित्र-निर्माणाः फरवरीवाले दूसरे के साथ प्राहकोंके पास रजिस्टर्ड-पोस्टसे मेजा जा रहा है । शीघ्रता और तत्परता रहने पर भी सभी ग्राहकोंको इन्हें भेजनेमें ठगभग ६-७ सप्ताह तो जाते हैं।
ग्राहक महानुभावोंकी सेवामें विशेषांक ग्राहक-संख्या के क्रमानुसार ही भेजनेकी प्रक्रिया है, लग अतः कुछ ग्राहकोंको विलम्बसे ये दोनों अद्ध मिलेंगे । कृपालु ग्राहक परिस्थिति समझकर हमें क्षमा करेंगे।
५-आपके ‘विशेषाइ’ के लिफाफे ( या रैपर ) पर आपकी जो ग्राहक-संख्या लिखी गयी है, उसे आप खूय सावधानीसे नोट कर ले । रजिस्ट्री या वी० पी०-नम्बर भी नोट कर लेना चाहिये,
जिससे आवश्यकता होनेपर उसके उल्लेखसहित पत्र-च्यवक्षार किया जा सके । इस कार्यसे हमारे कार्यालयको सुविधा और कार्यवाहीमें शीघ्रता होती है। ५-आपके ‘विशेषाङ्क के लिफाफे ( या रैपर ) पर आपकी जो ग्राहक संख्या लिखी गयी है,
उसे आप खूब सावधानीसे नोट कर लें। रजिस्ट्री या वी० पी० नम्बर भी नोट कर लेना चाहिये, जिससे आवश्यकता होनेपर उसके उल्लेखसहित पत्र-व्यवहार किया जा सके पत्र, पार्सल, पैकेट, रजिस्ट्री, मनीआर्डर,
लेखक | Gita Press |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 363 |
Pdf साइज़ | 26.4 MB |
Category | Self Improvement |
चरित्र निर्माण – Character Building Book PDF Free Download