बोया काटा का अकाट्य सिद्धांत – Boya Kata Ka Akatya Siddhant Pdf Free Download
आकत्य
उन्होंने कहा, “गायत्री मंत्र कइयों ने अपे हैं, कई लोग उपासना करते हैं, लेकिन ऋद्धियाँ और सिद्धियाँ किसी के पास नहीं आतीं। जप कर लेते हैं और लोगों से बता देते हैं कि हमने गायत्री का जप कर लिया है,
लेकिन न ऋद्धि न सिद्धि। हम तो तुम्हें इस तरह की गायत्री बताना चाहते हैं जिसमें ऋद्धियाँ और सिद्धियाँ भी मिलें और इस जप से ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होने का लाभ भी मिले।”
हमने कहा, “यह तो बड़े सौभाग्य की बात है। आप इतनी अच्छी बात बताएँगे, इससे अधिक अच्छा और सौभाग्य हमारे लिए क्या हो सकता है ?” तब उन्होंने गायत्री के २४ पुरश्चरणों की विधि बताने के बाद में एक और नई बात बताई-
“बोना और काटना। ” उन्होंने कहा, “तुम्हारे पास जो कुछ भी चीज है उसे भगवान के खेत में बोना शुरू करो, वह सौ गुना होकर फिर मिल जाएगा। ऋद्धि और सिद्धि का तरीका यही है,
वे फोकट में कहीं नहीं मिलतीं। दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो ऋद्धियाँ-सिद्धियाँ बाँट रहा हो या कुछ कहीं से मिल रहा हो। इस तरह का कोई नियम नहीं है। बोने पर ही किसान काटता है।
ठीक इसी तरीके से तुमको भी बोना और काटना पड़ेगा।” कैसे ? बताइए सब बातें। उन्होंने कहा, “देखो शरीर तुम्हारे पास है। शरीर माने श्रम और समय। इन्हें भगवान के खेत में बोओ।”
कौन सा भगवान ? यह विराट भगवान जो चारों ओर समाज के रूप में विद्यमान है। इसके लिए तुम अपने श्रम, समय और शरीर को खरच कर डालो, वह सौ गुना होकर तुमको सब मिल जाएगा नंबर एक।
लेखक | श्री राम शर्मा-Sri Ram Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 32 |
Pdf साइज़ | 1 MB |
Category | प्रेरक(Inspirational) |
बोया काटा का अकाट्य सिद्धांत – Boya Kata Ka Akatya Siddhant Book/Pustak Pdf Free Download